झारखण्ड राज्य के कोडरमा ज़िला के डोमचांच प्रखंड के बेहराडीह से संतोषी कुमारी ,हेलो आरोग्य के माध्यम से बताती है कि बच्चों के स्वास्थ्य विकास के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। बच्चे को कुपोषण तब होता है जब गर्भवती महिलाओं को पूरा पोषण नहीं मिलता है
समशीहरिया ग्राम से गायत्री देवी ,हेलो आरोग्य के माध्यम से बताती है कि वो महिलाओं को हेलो आरोग्य कार्यक्रम सुनने के लिए प्रेरित करती है। हेलो आरोग्य में परिवार नियोजन , लड़कियों की शादी की उम्र के बारे में ,पोषण ,एनीमिया आदि के बारे में जानकारी मिलती है
मसनोडीह से संगीता देवी ,हेलो आरोग्य के माध्यम से बताती है कि वो ग्राम में बच्चों ,महिलाओं के लिए काम करती है। बच्चों को शिक्षा के लिए जागरूक करती है। गर्भवती धात्री व कमज़ोर महिलाओं के साथ बैठक कर एनीमिया , पौष्टिक खानपान की जानकारी देते है। साथ ही बाल विवाह पर भी चर्चा करती है
सवियाटांड़ से बसंत कुमार ,हेलो आरोग्य के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के खानपान की जानकारी चाहते है। वैसा भोजन जिससे गर्भवती महिलाएँ स्वस्थ रहे ,खून की कमी न हो और गर्भ में पल रहा बच्चा का स्वास्थ्य भी अच्छा रहे।
हमारी श्रोता ,हेलो आरोग्य के माध्यम से बताती है कि वो गर्भवती महिलाओं के साथ बैठक कर उन्हें नियमित जाँच करवाने की जानकारी दी। गर्भावस्था का पता चलते ही पंजीयन करवाना है ,संतुलित एवं पौष्टिक आहार का सेवन करना है और प्रसव केवल अस्पताल में करवाना है
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ढोला टोला से उर्मिला देवी हेलो आरोग्य के माध्यम से बता रही हैं कि वे एक सहिया हैं। वे बताती हैं कि लड़के -लड़की में लिंक भेद नहीं किया जाता है ,दोनों को एक समान अधिकार देना चाहिए। लड़का लड़की दोनों को पढ़ने का मौका देना चाहिए। लड़की की शादी की उम्र अब 18 से बढ़ कर 21 वर्ष की गयी है जिसे हम सबको ध्यान में रखना चाहिए। साथ ही गर्भवती महिलाओं को खान पान का खास ख्याल रखना चाहिए
सानिया देवी हैलो आरोग्य के माध्यम से जानकारी दे रहीं हैं की, ये गर्भवती महिला हैं और इन्हें हैलो आरोग्य के माध्यम से गर्भावस्था के दौरान खान पान कैसा हो तथा दूसरी जानकारियां मिलीं तथा इन्हें एनीमिया की भी जानकारी मिली जिस से इन्हें अपना और होने वाले बचे का ध्यान रखने में सहायता हुई.
ग्रामवाणी की श्रोता रुखसार खातून ने हेलो आरोग्य के माध्यम से बताया कि वो हैंड इन हैंड इंडिया की मोबिलीज़ेर हूँ। उन्होंने बताया कि वो गर्भवती महिलाओं को एनीमिया के विषय में बताते है। बच्चो के भी माता पिता से मिलते है
ग्रामवाणी के श्रोता ने साझा मंच के माध्यम से बताया कि गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। गर्भ के समय में शरीर में आपकी कमजोरी ना आये इसलिए हरी साग सब्जी खानी जरूरी है
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श्रोता आपको हम बताना चाहेंगे कि शरीर में खून की कमी को एनीमिया कहा जाता है, इस स्थिति में खून में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। यदि आपको एनीमिया है तो आपके शरीर को ऑक्सीजन युक्त पर्याप्त खून नहीं मिल सकता और इसी कारण से आपको थकान या कमजोरी महसूस हो जाती है।इस रोग से बचने के लिए आपको अपने खान - पान में कुछ बदलाव की जरुरत है जैसे : हरी पते दार सब्जियां - चौलाई की फलिया , पत गोभी , पालक साग,मुनगा, सेम , कच्चे केले की सब्जी, करेला आदि , दाल में सोयाबीन, चना आदि तथा माँसाहार में अण्डा, मछली और मीट का उपयोग करना चाहिए।ऐसे भोज्य पदार्थ जिसमें विटामिन सी की मात्रा ज्यादा रहती है जैसे - आंवला , निम्बू , नारंगी , अंगूर का सेवन करना चाहिए।भोजन के तुरंत बाद चाय एवं कॉफ़ी लेने से भोजन में मौजूद आयरन का अवशोषण रोकता है , इसलिए ये पदार्थ भोजन के तुरंत बाद नहीं लेना चाहिए। गर्भवती महिला को डॉक्टर से दिखा कर रोज़ एक आयरन की गोली रात में लेनी चाहिए।यदि आप एनीमिया के पीड़ित है तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
June 12, 2022, 4:07 p.m. | Tags: food nutrition information health anemia