क्या आप समझे कि बच्चों की भावनाओ को मान्यता देना ज़रूरी है। फोन पर नंबर 3 दबाव और हमें बताओ कि आप क्या कह कर अपने बच्चे की भावनाओ को मान्यता और उन्हें व्यक्त करने के विश्वास को बढ़ावा देते है

अक्सर छोटे बच्चों के पास अपनी भावनावों को व्यक्त करने के शब्द नहीं होते और वो अपने कुछ अलग कभी अज़ीब व्यवहार से व्यक्त करते है। फ़ोन पर नंबर 3 दबाव और हमें कोई ऐसा किस्सा बताओ जब आप अपने बच्चे के व्यवहार से उसकी मन की भावना को समझे और कैसे ?

प्रिय देखभालकर्ता ,अपने बच्चे से हर तरह की भावना पर बातचीत करना और भावनाओं को समझने , सँभालने के तरीक़े प्रैक्टिस करना ज़रूरी है। चाहे वो भावना छोटी,बड़ी,सरल व कठिन हो। फ़ोन पर नंबर तीन दबाए और हमे बताए कि क्या आपने कभी अपने बच्चे से किसी अपने की मृत्यु या किसी खास व्यक्ति या चीज़ के खो जाने से जुड़ी भावनाओं पर बातचीत करी है ,और अगर हाँ ,तो फिर कैसे ?

बड़े हो कर जीवन में खुश, सफ़ल तथा समाज का ध्यान रखने वाले लोग वही होते है जो बचपन में भी अपने देखभालकर्ताओं का अधिक प्यार ,साथ और दिशानिर्देश पाते है। अनुशासन से सही तरीकों का उपयोग बच्चों को सशक्त महसूस करने और साथ ही अलग अलग रचनात्मक तरीकों से अपनी ख़ुद के बारे में सोचने और निर्णय लेने की शक्ति को बढ़ावा देता है। फ़ोन पर नंबर 3 दबाए और हमें बताए कि आप किन तरीकों से बच्चों का हित ध्यान में रखते हुए उन्हें अनुशासित कर सकते है।

प्रिय देखभालकर्ता ,बच्चों को अपने लिए चुनाव करने के अवसर देना उनके विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। ऐसा करने से बच्चे का अपने लिए सोच और कुछ कर पाने का विश्वास बढ़ता है। फ़ोन पर नंबर तीन दबाएं और हमें बताएं कि आप चुनाव देने के अवसरों को अपने बच्चे के रोज़मर्रा के जीवन में किस प्रकार बढ़ावा दे सकते है?

बिना किसी जल्दबाज़ी के सोच समझ कर और प्यार से ही बच्चे से बातचीत करने से बच्चे का आपमें विश्वास ,प्रेम बढ़ता है और साथ ही वे सुरक्षित भी महसूस करते हैं। साथियों कहानी को सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...

बच्चों की ज़िद जब बढ़ जाए तो बात को कैसे संभाला जाए।कहानी में एल्मो की मम्मी कुछ तरीक़े अपना कर एल्मो को उसके ज़िद से बाहर निकालती है जिससे एल्मो उदास भी नहीं होता है और उसका काम भी बन जाता है । साथियों कहानी को सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...

प्रिय देखभालकर्ता क्या आपको खेले सब संग की एपिसोड सुनने समझने और उनसे मिली सिख को अपने रोज़ मर्रा जीवन में ढलने में मदद मिल रही है,फ़ोन पर नंबर तीन दबाओ और हमें बताओ की आपको हमारे ऑडियो एपीसोड कैसे लग रहे है और आपको क्या क्या जानकारी प्राप्त हुई ?

प्रिय देखभालकर्ता बच्चों की बावनाये छोटी हो या बड़ी एक हो या अनेक उन्हें समझने और सँभालने में बच्चे को आपकी मदद से बहुत लाभ हो सकता है। फ़ोन पर नंबर तीन दबाव और हमें बताओ की भावनाओं को और सँभालने में आप अपने बच्चे की मदद कैसे करते हो ?

फीलिंग्स यानि भावनाएँ कई तरह के होते हैं। गुस्सा, उदासी, घबराहट, जलन वग़ैरह-वग़ैरह। ठीक वैसे ही भावनाओं को समझने और सँभालने के तरीके भी अलग-अलग हो सकते हैं। बस यही तरिके हमे अपने बच्चों को भी सिखाने हैं और उनके साथ मिल कर इन तरीकों की प्रैक्टिस करनी है ताकि बच्चे भी अपनी भावनाओं को खुद संभाल पाएं ,तभी तो वो ज़िन्दगी में आगे बढ़ पाएंगे और उसके उतार चढ़ाओ से जूझ पाएंगे।