इंदरपुरी ऍफ़ ब्लॉक से चंचला ,खेले सब संग के माध्यम से कहती है कि उन्हें कहानी बहुत अच्छी लगी। कहानी के अनुसार ही बच्चों को समझना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए। कार्यक्रम में जिस तरह एल्मो को समझाया गया उसी तरह हम भी अपने बच्चे को समझा सकते हैं
खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से सुनीता कहती हैं कि हमारी तरह बच्चों में भी भावनाये होतीं है। कार्यक्रम के द्वारा से बच्चों में काफी फ़र्क हुआ है और साथ में अभिभावकों को भी बहुत सी जानकारियाँ मिली है। वे चाहती हैं कि खेले सब संग कार्यक्रम ऐसे ही जारी रहे।
ए ब्लॉक सवा देवी गली नंबर 272 से पिंकी ने खेले सब संग कार्यक्रम के मध्यम्स से बताया कि उन्हें कार्यक्रम के तहत सुनाये जाने वाले कड़ी बहुत अच्छे लगते है। वे बताती हैं कि उनके साथ साथ उनकी बेटी को भी खेले सब संग कार्यक्रम सुनना बहुत पसंद हैं।
हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि जब उनके बच्चों को कहानी के माध्यम से बहुत सी जानकारियां देती हैं
इंदरपुरी से हमारी श्रोता, मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उन्हें खेले सब संग का कार्यक्रम अच्छा लगा। वो कार्यक्रम सुन कर ही अपने बच्चे को समझाती है और उनके बच्चे भी कुछ हद तक समझते भी है।
क्या आप समझे कि बच्चों की भावनाओ को मान्यता देना ज़रूरी है। फोन पर नंबर 3 दबाव और हमें बताओ कि आप क्या कह कर अपने बच्चे की भावनाओ को मान्यता और उन्हें व्यक्त करने के विश्वास को बढ़ावा देते है
Transcript Unavailable.
अक्सर छोटे बच्चों के पास अपनी भावनावों को व्यक्त करने के शब्द नहीं होते और वो अपने कुछ अलग कभी अज़ीब व्यवहार से व्यक्त करते है। फ़ोन पर नंबर 3 दबाव और हमें कोई ऐसा किस्सा बताओ जब आप अपने बच्चे के व्यवहार से उसकी मन की भावना को समझे और कैसे ?
हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बच्चों की भावनाओं को पहचानना और उनकी हर एक गतिविधियों का ख़्याल माँ को ही रखना पड़ता है
हमारी श्रोता सरिता देवी ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि खेले सब संग का कार्यक्रम उन्हें बहुत पसंद आ रहा है। उनके बच्चों को इससे सीख मिलती है