हमारी श्रोता सीमा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि दीदियों द्वारा उन्होंने पहले से जाना है कि बच्चों के साथ खेलने के लिए उन्हें अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं होती है बल्कि काम करते-करते भी बच्चों के साथ खेला जा सकते हैं।खेले सब संग की कहानी के माध्यम से उन्होंने जाना कि बच्चों के साथ अच्छे से किस तरह से खेल सकते है और इससे किस तरह से बच्चों का विकास हो सकता है

हमारी श्रोता सहाद्रा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि जब भी वोसब्जी काटती है तो उनके बच्चे उनसे सब्जियों के रंग पूछते है।बच्चे खेल खेल में सब्जियों की जानकारी लेते है तो उन्हें अच्छा लगता है

दोस्तों, खेले सब संग कार्यक्रम की पहली कड़ी में हम सीखेंगे खाना पकाना और खेलना। तो चलिए सुनते हैं आखिर किस तरह से हम खाना पकाने के समय खेल भी सकते हैं।