हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के है कि उनके बच्चे के पास खेलने के लिए बहुत सारे खिलौने है तथा वो अपने बच्चे को खेल खेल में नई चीज़ों के बारे बताती हैं।

सेक्टर 150 गोदरेज नेस्ट से रीमा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वो अपने बच्चों के साथ खेलने के लिए बहुत समय निकाल लेती है

खेल कभी भी हो सकता है और कही भी हो सकता है। घर और बाहर के रोज़ाना काम करते वक़्त भी ,थोड़ी सी कोशिश और ज़रा सी कल्पना से हर चीज़ बन सकती है खेल। और यही खेल बच्चों के साथ हमारा रिश्ता मज़बूत करने में मदद करता है। क्या आपको खेले सब संग ऑडिओ ,एपिसोड ,सुनने ,समझने या उनसे मिली सिख को अपनी रोज़मर्रा की जिंगदी में ढालने में मदद मिल रही है ?

हमारी आसपास का सामान खिलौना बन सकता है। घर में रखी चीज़े ,थोड़ी सी कल्पना और एक दूसरे की मदद से एल्मो और एल्मो के पापा ने खेलते हुए एक सुन्दर महल तैयार किया। कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर..

एटीएस डोल से प्रीति ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें 'खेले सब संग ' का कार्यक्रम बहुत पसंद आया।

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि उन्हें खेले सब संग कार्यक्रम सुनकर बहुत अच्छा लगा.साथ ही यह भी कह रही है कि वो भी अपने बच्चे खेल खेल में पढ़ाएंगी

प्रिय देखभालकर्ता खेल के दौरान बच्चों से बातचीत करके हम उन्हें बेहतर समझ सकते हैं और उनकी सिखने की क्षमता को बढ़ावा भी दे सकते हैं। फ़ोन पर नंबर तीन दबाव और हमें बताओ की बच्चे से रोज कितनी बातचीत करते हैं

हमारे श्रोता काशीराम ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि कार्यक्रम में खेले गए खेल बहुत अच्छा लगा

एलडको कंपनी से लखन राय ने बताया कि उन्हें बच्चों को गिनती सिखाने का शौक है। इसलिए वे काम भी करते हैं और बच्चों को गिनती भी सिखाते हैं

नरेला ए-4 से हमारी श्रोता ललिता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें खेलते हुए बच्चों को काम करने अच्छा लग रहा है। काम के दौरान बच्चों के साथ खेलने का समय निकाल ले रहे है और बच्चों को भी यह समझ में आ रहा है