सर्फाबाद से हमारी श्रोता पूजा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें खेले सब संग कार्यक्रम में बच्चों के साथ माता-पिता का खेल बहुत अच्छा लगता है

फर्रुखाबाद से नीलम ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जो बच्चों के बारे में सिखाया जाता है ,उसे वो समझ रही है और बच्चों को सीखा भी रही है

पूजा कुमारी खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि उन्हें खेले सब संग कार्यक्रम सुनने में बहुत अच्छा लगता है

हेमीस्फीयर केंद्र से हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वो वो अपने बच्चों के साथ खेलती है।सब्जी काटते समय,खाना बनाते वक़्त व कपड़े धोते वक़्त भी वो अपने बच्चों के साथ बातचीत करती रहती है

दक्षिणपुरी से सुमन ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि दैनिक कार्यों के दौरान वो अपनी बेटी के साथ बातचीत करती है। खाना बनाने के दौरान उनकी बेटी से वो सब्जियों के नाम पूछती है। आटा गुंदते वक़्त व कपड़े धोते समय बेटी को काम सीखाने के साथ उससे रगों की जानकारी भी लेती है। गाना बजा कर बेटी के साथ नाँचना उन्हें अच्छा लगता है। बेटी जब खेलती है तो उससे रंग ,आकार पूछती है इस तरह से बेटी के साथ खेलना सुमन को अच्छा लगता है।

हमारी श्रोता कंचन ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें खेले सब संग कार्यक्रम अच्छा लगता है ,इसकी कहानी भी उन्हें पसंद है। उनके बच्चे उनके साथ बहुत वक़्त बिताते है,उनके बच्चों को भी खेलना बहुत पसंद है । कार्यक्रम के कारण उन्हें समय मिल जा रहा है नहीं तो काम पर ही व्यस्त रह जाते थे

हमारी श्रोता प्रगति ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि घर के कामों को करते हुए बच्चों के साथ कई तरह के खेल खेले जा सकते है। जैसे सब्जियों के रंग पहचानना..

शरीफाबाद से हमारी श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें कहानी का खेल बहुत पसंद है। कार्यक्रम सुनने में बहुत अच्छा लगता है

हमारी श्रोता सुनीता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि खेले सब संग का खेल अभिभावक के साथ बच्चों को भी अच्छा लग रहा है। खेले सब संग का कार्यक्रम के माध्यम से अभिभावकों को समझ में आ रहा है कि खेल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया भी जा सकता है ।अब कहानी से प्रेरित हो कर अभिभावक अपने बच्चों को खेला रहे है। जो पिता पहले अन्य कार्यों में व्यस्त रहते थे वो भी अब ये कहानी को पसंद कर रहे है।

हमारी श्रोता मुन्नीबाई,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उनका बच्चा ठीक है। स्कूल नहीं चल रहा है तो बच्चा ऊब रहा है। बैट-बॉल ,राशन दिला दो तो बच्चा अच्छे से रहेगा ।