सर्फाबाद से पूजा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें कार्यक्रम का खेल बहुत अच्छा लगा

हमारे श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि वो जब भी शाम में काम से वापस लौटते है तो वो अपने बच्चों को पढ़ाते है

बीआर आंबेडकर लाजपुर से खनक ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है उन्हें खेले सब संग का खेल बहुत अच्छा लगा। वो अपने भाई नामित के साथ बहुत अच्छे से खेल खेलती है। खेलते हुए वो अपने भाइयों से चीज़ों के बारे में पूछती है और उससे रंगों की पहचान करवाती है

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उनकी बच्ची ने अपने हाँथ में एक डब्बा को लेकर बजा रही थी ,जब उनहोंने अपने बच्चे से पूछा कि यह क्या है तो उनकी बेटी ने कहा कि उसने ढोलक बनाया है

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि हम अपने बच्चों के साथ तरह तरह के खेल खील सकते हैं

अमित पासवान खेले सब संग क्रायक्रम के माध्यम से बताते हैं कि उन्हें यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता है

हमारी श्रोता कंचन ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें और उनके बच्चों को कार्यक्रम बहुत पसंद आ रहा है। उनके बच्चे कुछ कुछ सीखते है

हमारी श्रोता मंजू ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बच्चों के साथ घर के वस्तु जैसे चम्मच ,ग्लास ,कटोरे आदि के साथ खेल सकते है

हमारी श्रोता उर्मिला ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है बच्चों के साथ खेलते हुए उनसे चीज़ों के बारे पूछ सकते है। जैसे टमाटर के रंग ,पेड़ों का रंग ,दूध का रंग आदि। रंगों के माध्यम से चीज़ों की जानकारी लेते है। ऐसे में रंगों की पहचान बच्चों को होती है और उनसे इस माध्यम से कई सिखाई गई चीज़ों के बारे मालूम कर सकते है

हमारी श्रोता उर्मिला ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बच्चों के साथ कॉपी ,किताब को इकठ्ठा कर उसके लाइन बनाना ,गत्तों से छत और डिब्बों से मंज़िला और ग्लास से मीनारें बना कर खेल सकते है