हमारे श्रोता बिजेन्दर ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्हें खेले सब संग की कहानी अच्छी लगती है। उनके बच्चे ख़ुशी से कहानी सुनते है

पल्लवी ने खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि उन्हें कड़ी सुन कर बहुत अच्छा लगा

किरण देवी ने खेले सब संग कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि उन्हें बच्चों की कहानी सुन कर अच्छा लगा

नैमिष खेलें सब संग के माध्यम से जानकारी दे रहीं हैं, जब भी इनका बेटा सहम जाता है तब ये बच्चे की बात को सुनतीं हैं, जिसे की बचा रिलैक्स हो जाता है.

हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि उन्हें खेले सब संग बहुत पसंद आया

बच्चों को अपनी भावनाओं को समझना पहचानना और उसे नाम देना बहुत जरुरी होता है। इससे वे खुद को जान और संभाल पाते हैं। क्योंकि जब बच्चे अपनी भावनाओं को नाम देना सिख लेते हैं तो वो खुद को बेहतर समझ पाते हैं और अपनी भवनाओं को और स्थितियों को बेहतर संभाल पाते हैं। जब हम बच्चों को अपनी बड़ी भवनाओं को पहचानने में ,उन्हें नाम देने में मदद करते हैं तो उन्हें आगे चल कर उन्हें खुद को समझने में मदद मिलती है। जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही अपने आप को बेहतर सँभालने की क्षमता भी

हमारी श्रोता पुष्पा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें कार्यक्रम अच्छा लगता है। वो बच्चों की भावनाओं को समझने में मदद करती है

Transcript Unavailable.

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नरेला जी 6 से पूनम ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वो बच्चों के साथ खेलती है। उनसे बाते भी करती है ,अगर बच्चे कुछ महसूस करते है तो उन्हें उसके बारे में बताती है। एक दिन उनका बेटा आर्यन शाम के समय बकुला की आवाज़ सुन के घबरा रहा था। उन्होंने बेटे को बकुला की आवाज़ के बारे में बताया तो वो सामान्य हो गया