हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रही है कि कार्यक्रम में जिस तरह बच्चों के भावनाओं के बारे में बात कही गई है बिल्कुल उसी तरह ये भी अपने बच्चों को हर चीज़ों के बारे समझती हैं। साथ ही कह रही है कि बच्छों के भावनाओं को समझने की कोशिश भी करती हैं