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हमारे श्रोता जावेद खान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पेड़ नहीं लगाएंगे तो पानी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी ,इसीलिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए। प्रदूषण कम करने के लिए ट्रैफिक नियम का पालन करे। सिग्नल में गाड़ी बंद कर दें। पर्यावरण को बचाने और शुद्ध रखने का प्रयास करे। पर्यावरण शुद्ध रहेगा तो हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा होगा

इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से विरेंद्र , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, आम आदमी को समझाया जा सकता है कि कचरे को पानी में नहीं फेंकना चाहिए। लेकिन पानी में मिलने वाले पदार्थ आम आदमी को समझ नहीं आते हैं, इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोई पहल करनी चाहिए कि पानी को कैसे साफ़ रखा जाए । आप जो मात्रा बता रहे हैं वह बहुत अधिक है, यह इतना नहीं होना चाहिए और यह स्वास्थ्य को खराब कर रहा है, इसलिए यह विश्व स्वास्थ्य संगठन है जिसे उपाय करने हैं, सरकार को उपाय करने हैं ताकि जनता को शुद्ध पानी मिल सके। लेकिन ऐसी गलतियाँ भी हैं जो आम आदमी नहीं करता है, अब आम आदमी को पता नहीं है कि इसमें और क्या तत्व पाए जाते हैं, यह वैज्ञानिक को तय करना है। अगर पानी विषैला हो रहा है तो वैज्ञानिक को आगे आना होगा।