छत्तीसगढ़ राज्य के जिला राजनंद गाओं से मोबाइल वाणी के माध्यम से वीरेंदर गंदर्व बोल रहें हैं की महिलाओं को खुद ही अपने अंडर छटपटाहट और जूनून लाना होगा तभी वो आगे बढ़ पाएंगी। महिला अपने आप को महिला मत समझे अपने को मनुष्य समझे और सोचे की मई हरेक काम कर सकती हूँ। बाधाएं आएंगी लोग रोकेंगे लेकिन कब तक रोकेंगे। क्यूंकि जिन महिलाओं ने प्रगति किया है उनके भी रास्ते में समस्या आयी हैं लेकिन वो नहीं रुकी। और महिला को महिला का साथ देना होगा तभी महिला की तर्रकी होगी और पहचान बनेगी
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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से वीरेंद्र गंधर्व मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहते हैं कि अगर लड़कियों को निर्णय लेने का अधिकार दिया जाए तो वह अपने भविष्य का फैसला सही तरीके से ले पाएंगी। साथ ही आने वाले पीढ़ियों को भी सही निर्णय लेने के लिए सही ज्ञान दे पाएंगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों को बचपन से ही सही गलत लेने का निर्णय माता पिता की जिम्मेदारी है । जिससे की आने वाले बच्चों को भी सही गलत निर्णय लेने का अधिकार सीखा सके.
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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाओं से मोबाइल वाणी के माध्यम से वीरेंदर गंदर्व बोल रहें हैं की महिलाएं कहती हैं की पुरुष उनपर अत्याचार करते हैं और दिव्यांग कहते हैं की सामान्य लोग उनका शोषण करते हैं। किन्तु यह बात सच है की महिला -महिला के बिछ हमेशा अनबन रहा है। इसी तरह दिव्यांग भी एक दूसरे से कटे रहते हैं। जब वर्ग में ही लोग एक दूसरे से अपेक्षा करेंगे तो हम दूसरे से तो अपेक्षा कर ही नहीं सकते। इसलिए वर्ग में एकता जरुरी है।
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव से वीरेंद्र गंधर्व मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहते हैं कि हमारे समाज में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग अलग विचारधारणा रखते हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति समाज और परिवार के सदस्यों का गलत विचारधारणा होता है। उन्होंने यह कहा कि महिलाओं के प्रति लोगो की यह सोच होती है कि महिलायें केवल घर के कामों और बच्चों को ही संभालना है। इसलिए हमें अपनी सोच को बदलनी चाहिए क्योकि महिलाएँ भी पुरुषों के मुकाबले हर कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। साथ ही साथ अपने कार्यों और बाहर के कार्यों को देखते हुए चल रहीं है
छत्तीसगढ़ राज्य के जिला राजनंद गाओं से मोबाइल वाणी के माध्यम से वीरेंदर गंदर्व बोल रहें हैं की इन्होने लैंगिक भेद बहुत होता है। जिस प्रकार से लड़को को हमेशा गाडी और लड़की को गुड़िया खिलोने में दिया जाता है। इसी तरह लड़की को ज्यादा नहीं पढ़ाया जाता है और लड़को के पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया जाता है। लड़की रात को देर तक बहार रहें तो बहुत सव्वल होते हैं लेकिन वही लड़को के साथ ऐसा कुछ भी नहीं। तो ये भेदभाव पढ़े-लिखे लोग भी करते हैं। आज के आधुनिक युग में हम शिक्षित और विकसित है तो हमे ये लैंगिक भेदभाव और लड़का-लड़की में अंतर को समाप्त करना होगा तभी हम आगे बढ़ पाएंगे
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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाओं से मोबाइल वाणी के माध्यम से वीरेंदर गंदर्व बोल रहें हैं की क्या नारी अपने आप को मनुष्य समझती है। क्यूंकि पढ़ी-लिखी महिला भी लड़का-लड़की में भेदभाव करती है। महिला का महिला से हमेशा अनबन रहता है महिला को खुद ही कमर कसना होगा और प्रतिज्ञा लेना होगा की लैंगिक भेद को समाप्त करेंगे तो जरूर समाज में सुधार आएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य के जिला राजनंद गाओं से मोबाइल वाणी के माध्यम से वीरेंदर गंदर्व बोल रहें हैं की लड़कियों को अपना नहीं मानते हैं इसलिए समस्या उत्पन होती है और वही लड़को को बहुत ज्यादा अपना मानते हैं। इसलिए बचपन से दोनों के अंदर संस्कार डालेंगे तो दोनों को बराबर शिक्षा प्राप्त हो पायेगा। वही दहेज़ यदि आप नहीं लेंगे तभी तो दहेज़ प्रथा खत्म हो सकेगा। और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनायें। सभी को नौकरी मिलना तो मुमकिन नहीं है िइसलिए सरकार को स्वरोज़गार करने का अवसर प्रदान करना चाहियें जब लड़की शशक्त बनेगी तो समस्या अपने आप ही खत्म हो जायेगा