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उत्तरप्रदेश राज्य के पीलीभीत जिला से मोहम्मद सलीम मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि उनको बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम सुनकर बहुत अच्छा लगा कि बेटी का पढ़ा लिखा होना जरुरी है ताकि आगे वह एक शिक्षिका बने या प्रोफ़ेसर बने जो भी वो बनना चाहती है वह लक्ष्य पूरा करे। पढ़ी लिखी बेटी जो होती है वह किसी के आगे कभी नहीं झुकती है। पढ़ी लिखी बेटियों का सम्मान किया जता है। उनका मानना है कि बेटी को जितना ज्यादा हो सके पढ़ाया जाये ताकि आगे चल कर वह अपने बच्चो को भी अच्छे से पढ़ा सके उनकी परवरिश कर सके क्यूंकि पढ़ी लिखी बेटियां घर की रौशनी होती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जनपद बांदा जिला से अमित निषाद एक दृष्टिबाधित छात्र हैं, मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मोबाइल वाणी पर जो मिशन चल रहा है लड़कियों की शिक्षा को लेकर उससे वह बहुत खुश हैं।हमारे देश की महिलाओं को शिक्षित करना जरुरी है बल्कि पुरुषों को भी शिक्षित करना जरुरी है ,जिस प्रकार हमारे समाज में पुरुषों की अपेक्षाकृत महिलाओं को पिछे दिखाई जा रही है तथा पुरानी परम्पराओं के अनुसार महिलाओं को परदे के पिछे रखा जा रहा है हमें इस चीज का विरोध करना होगा। महिलाओं को शिक्षित करना और उन्हें उनके अधिकारों से लाभान्वित कराना है और उन अधिकारों की रक्षा करते हुए उनको पूर्ण अधिकार दिलाना है। जो व्यक्ति महिलाओं के अधिकार को छीनता है तो उसका हमें डट कर सामना करना चाहिए और उस व्यक्ति कोभी अवगत कराना चाहिए कि महिलांए हमारे देश का अंग हैं जो हमारे देश के परिवारों को बढ़ाती हैं और जहाँ भी जाती हैं वह परिवार को चलाने के लिए शिक्षित होना आवश्यक है।

असम से अजय मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहते है कि जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है और जो लड़कियों को शिक्षा देते हैं वह सबसे अच्छा काम करते है

दिल्ली से राजेश कुमार पाठक मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहते है कि मोबाइल वाणी के कार्यक्रम सुनने के बाद वह अपना विचार रखना चाहते है कि मासिक धर्म एक प्रगति प्रगत उपक्रम है जो की महिलाओं और लड़कियों के साथ ये प्रक्रिया होती है। घर की जो बड़ी बूढ़ी होती हैं वो जब लड़कियां अपनी बात करती हैं तो उन्हें डाट देती हैं। उनका कहना कि महिलाओं के लिए जो दफ्तरों में काम करती हैं उन्हें इन दिनों में राज्य सरकार या केंद्र सरकार के द्वारा अवकाश मिला चाहिए और जो लड़किया विद्यालय या महाविद्यालय में पढ़ती है उन्हें भी इन खास दिनों में अधिकार पूर्वक अवकाश मिलना चाहिए। बेटियों बहनों को चार से पांच दिन विद्यालय, महाविद्यालय या कार्यालयों से अवकाश मिलना चाहिए।

छत्तीसगढ़ राज्य से नकुल वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बेटी पर आधारित गीत एक प्रस्तुत किया है जिसमें उन्होंने कहा है की कभी हसना है कभी रोना है पाना है कभी खोना है किस्मत का तो यही बहाना है। कहे चाँदी कोई कहे सोना इंसा है बेटी का खिलौना