वेस्ट बंगाल के जिला कोलकाता से अभिषेक , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि उनको मोबाइल वाणी पर पानी टंकी से सम्बंधित कार्यक्रम सुनकर अच्छा लगा
पूर्वी दिल्ली से दरबान सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पानी संरक्षण के लिए तालाब बनवाना चाहिए। दो तालाब खोदा जाएगा तो अच्छा होगा। एक छत का पानी संरक्षित हो जाए और ये सिंचाई करने के प्रयोग में आये। और एक तालाब पानी पीने आदि के लिए इस्तेमाल हो। इस प्रकार पानी को बचाया जा सकता है।
दिल्ली राज्य से प्रेम कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जो पुरुष हैं, उन्हें अपनी मानसिकता और दृष्टिकोण बदलना होगा क्योंकि यह केवल महिलाओं की जिमेदारी नहीं है। पानी की व्यवस्था करना भी पुरुषों की जिम्मेदारी है। पुरुष चाहें तो आराम से पानी की व्यवस्था कर सकते हैं। आजकल साइकिल और मोटरसाइकिल उपलब्ध हैं। विभिन्न प्रकार के वाहन हैं जिनसे पुरुष पानी की व्यवस्था कर सकते हैं, इसे केवल महिलाओं के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए। अगर वे एक साथ काम कर रहे हैं तो पुरुषों को आगे आना चाहिए और महिलाओं और पुरुषों दोनों को एक साथ काम करना चाहिए।
दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?
दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.
दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?
पूर्वी दिल्ली से दरबान सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जलवायु परिवर्तन बहुत तेज़ी से हो रहा है। इसको लेकर सतर्क होने की आवश्यकता है। पानी को संरक्षित कर के रखना होगा। पेड़ों को लगाना होगा। ऐसी फ़सलें लगनी होगी जो किसी भी समय तैयार हो जाए
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव ज़िला से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि पानी बिना पूरा दुनिया सूना है। लोगों ने शुरू से ही पानी का कदर नहीं किया। लोग बेफिज़ूल का पानी खर्च कर रहे है। अगर पानी को संरक्षित नहीं करेंगे तो पानी इसी तरह तरसाएगा। लोगों को शुद्ध पानी मिले इसके लिए लोगों को ही ध्यान देना है। जिसके पास पानी है उसकी इज्जत करें
पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?
महाराष्ट्र राज्य के नागपुर ज़िला से आदर्श ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पानी के बिना कुछ भी संभव नहीं है। पानी का ऐसा कानून लागु होना चाहिए जिससे लोग जान पाए की पानी का इस्तेमाल किस प्रकार करना चाहिए इससे जनता सीखेगी। नेता केवल पानी को राजनीतिक मुद्दा बना देती। है