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उत्तरप्रदेश राज्य से कालीचरण मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि ये निश्चित रूप से सबको सावधान रहने की जरुरत है। परिस्थितियां किसी से छुपी नहीं है। बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। लॉकडाउन लगाकर कर शिक्षा पर पाबंदिया लगा दी है परीक्षाएं स्थगित हो गयी है बच्चे जो देश का भविष्य है उनसे खिलवाड़ हो रहा है। अगर संक्रमण की यही बात है तो चुनाव नहीं कराने चाहिए सरकार चुनाव पर रोक नहीं लगा रही है
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मध्यप्रदेश राज्य से कालीचरण मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहते है कि लॉकडाउन लगे या नहीं लगे इस सन्दर्भ में निश्चित रूप से अगर लॉकडाउन की बात कही जाये तो 22 मार्च को पांच सौ छतीस संक्रमित थे और दस व्यक्तियों की मौत हुई थी उस समय लॉकडाउन लगा दिया गया था। लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है पहले तो कोरोना के इलाज के लिए जो उपचार किया जा रहा है और रैलियों पर भी अभी पाबन्दी लगी है ,जबकि इन सभी चीजों को रोकना चाहिए । जब कोरोना चल रहा है तो विद्यार्थियों की शिक्षा है कामगार मजदुर है जो सुबह कमाने जाते है और शाम को खाते है , उन लोगों के कामकाज ठप हो गए है इसलिए उनका मानना है कि लॉकडाउन भले कितने ही साल लगे परन्तु जो गरीब मजदुर व्यक्ति है बेरोजगार है उन लोगों की ठोस व्यवस्था कर दी जाये क्यूंकि उनके पास खाने पिने के लिए कुछ नहीं रहेगा तो क्या करेंगे। इसलिए उनकी परेशानियों को देखने और समझने की जरुरत है।लॉकडाउन के कारण लोग कमाने नहीं जायेंगे घरों पर रहेंगे और तनाव बढ़ेगा आपस में लड़ाई झगड़े होंगे इस लिए इन चीजों को समझना चाहिए।
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