एड्स इस नाम से हम सभी भली भांति परिचित हैं इसका पूरा नाम है 'एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम ' यह एक तरह का वायरस है जिसे एचआईवी के नाम से भी जाना जाता है।यह एक जानलेवा बीमारी है लेकिन आज भी लोगों में एड्स को लेकर सतर्कता नहीं है।साथ ही इसे समाज में भेदभाव की भावना से देखा जाता है। एड्स के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। दोस्तों , हम सभी को एड्स को लेकर सतर्क रहना है ,साथ ही लोगों में सर्तकता लाने की भी ज़रुरत है।साथियों, एड्स का उपचार भेदभाव नहीं बल्कि प्यार है। आइये हम सभी मिलकर विश्व एड्स दिवस मनाए और लोगों में एड्स के प्रति अलख जगाए। सतर्क रहें,सुरक्षित रहें

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शर्म को ज़रा किनारे करके अपने बच्चों को AIDS के बारे में विस्तार से बताएं ताकि वो इस खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रहे। साथियो अगर आप भी एड्स से जुडी कोई जानकारी हमसे साझा करना चाहते हैं तो फ़ोन में अभी दबाएं नंबर 3 का बटन और रिकॉर्ड करें अपनी बात।

मध्यप्रदेश राज्य के राजगढ़ जिला से सुरेंद्र तौमर निष्ठा स्वास्थ्य वाणी के माध्यम से वेरिफाइड अभियान के तहत बिराम मेरोठा से साक्षात्कार लिया है। जिसमें बिराम मेरोठा ने बतया कि उन्होंने कोरोना का दोनों टीका लगवा लिया है। उन्होंने कहा की कुछ डॉक्टरों मानना है कि एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल में किये गए दवाईयों का मिश्रण कोरोना का इलाज हो सकता है। परन्तु इस बात को मानने के लिए कोई पक्के साक्ष्य नहीं है। शुगर और उच्च रक्चाप के मरीज़ों में कोरोना संक्रमण काफी खतरनाक साबित हो रहा है।

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