बेनेडिक्ट टेस्ट क्यों लगाते हैं तो जो ग्लूकोस होता है अगर हमारी यूरिन में अगर ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है इसका पता लगाने के लिए हम बेनेडिक्ट टेस्ट लगते हैं बेनेदिक टेस्ट के लिए हमें क्या रिक्वायरमेंट होती है क्यों लगा कैसे करते इसमें सबसे पहले हम टेस्टिटिव की आवश्यकता और टेस्ट ट्यूब होल्डर की बंसल बर्नर की बेनेदिक रीजेंट के यूरीन सैंपल की ओर ड्रॉपर की तो सबसे पहले क्या करते हैं क्लीन एंड डायट इंस्टीट्यूट लेते हैं टेस्ट ट्यूब में 5 मल बेनेदिक रीजेंट डालते हैं इसमें पासवर्ड प्रीपेड की हेल्प से एड्रेस यूरिन को ऐड करते हैं अब इसे अच्छी तरह से मिक्स करते हैं बंसल बर्नर पर 5 तो 10 मिनट तक ठीक करेंगे और टेस्टो ट्यूब के अप्पर पोर्शन को हिट करते हैं जब इस टेस्ट ट्यूब को वाटर या रनिंग टैप वाटर से कॉल करते हैं तो ऑब्जर्व उसके बाद उसका ऑब्जरवेशन करते हैं तो अगर ब्लू कलर होता है तो ब्लू कलर होता है तो एब्सेंट एब्सेंट होता है यूरिन में ग्लूकोज और अगर ग्रीन कलर होता है तो 1% प्रेजेंट होता है ग्रीन एंड येलो कलर होता है तो 2% प्रेजेंट होता है ग्रीनीश येलो होता है तो प्लस प्लस प्रेजेंट होता है येलो एंड ऑरेंज होता है तो 3% प्रेजेंट होता है ग्लूकोस यूरिन में और अगर ऑरेंज एंड ब्राइट रेड होता है तो उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में जो होता है यूरिन में ग्लूकोज प्रेजेंट होता है

आॅकल्ट ब्लड टेस्ट इसमें रिकॉर्ड रिटायरमेंट में क्लास टेस्ट ट्यूब पाश्चर प्रीपेड ड्रॉपर बेंजीन पाउडर ग्लीसरिक एसिटिक एसिड स्टेप फोर्स हाइड्रोजन पराक्साइड लाइन कवर स्लिप और स्लाइड लेते हैं प्रोसीजर मतलब इस प्रक्रिया को हम कैसे करते हैं तो एक क्लीन एंड राइट टेस्ट ट्यूब लेते हैं टेस्ट ट्यूब में 1 इंच बेंजीन पाउडर डालते हैं आप टेस्ट ट्यूब को 2 से 3 ड्रॉप ग्लीसरिक एसिड डालते हैं और उसे मिक्स करते हैं मिक्स करने के बाद तब टेस्ट ट्यूब में 2 म h2o सॉल्यूशन ऐड करते और मिक्स करते हैं आप टेस्ट ट्यूब में 1 मल सुपरनैटेंट पार्ट को 2 मल की टेस्ट ट्यूब में अलग ट्रांसफर करते हैं और ट्रांसफर किए गए सुपरनैटेंट पार्ट में 0.5 मल यूरिन ऐड करते हुए उसे अच्छी तरह से मिक्स करते मिक्स करने के बाद 5 मिनट के बाद कलर ऑब्जरवेशन करते हैं अगर जो कलर चेंज तो उसमें आॅकल्ट प्लेट एब्सेंट होगा अगर कलर चेंज होता है तो उसमें होकर ब्लड प्रेशर मतलब टेस्ट पॉजिटिव है

सिरम हमें विदाउट एंटीकोगुलान एंटीकोगुलान ब्लड को सेंट्रीफ्यूज करने से प्राप्त किया जा सकता है प्लाज्मा को एंटीकोगुलान ब्लड में सेंट्रीफिस करने से प्राप्त किया जा सकता है और सीरम में फ्लोटिंग फैक्टर एब्सेंट होता है जिसे फाइब्रिनोजेन और प्लाज्मा में प्रोटीन फैक्टर प्रेजेंट होता है जैसे फाइबरनेट एंड प्रेजेंट होता है जो सीरम होता है इसको इंस्टॉल करने के लिए 2 से 6 डिग्री टेंपरेचर की आवश्यकता होती है कुछ दिनों तक स्टोर किए के रखा जा सकता है सीरम को और जो प्लाज्मा होता है इसको 1 ईयर तक स्टोर करके रखा जा सकता है 80 डिग्री सेल्सियस पर और जो सीरम होते हैं लाइट येलो एंड क्लियर कलर का होता है और जो प्लाज्मा होता है येलो कलर होता है सीरम की डेंसिटी 1.024 ग्राम पर डील होती है और प्लाज्मा के डेंसिटी 1.025 ग्राम पर डील होती है जो सीरम होता है इसका वॉल्यूम प्लाज्मा से कम होता है और जो प्लाज्मा होता है इसका वॉल्यूम ब्लड का 55% होता है सीरम प्राप्त करने के लिए वेल्स का उसे किया जाता है और प्लाज्मा प्राप्त करने के लिए एंटीकोगुलान वेल्स का उसे किया जाता है जिसे पर्पल कलर की ट्यूब

पैरासाइटोलॉजी मेडिकल साइंस के ब्रांच होती है जिसमें हम परजीवी जिसके अंदर हम परजीवी की स्टडी करते हैं और पैरासाइटोलॉजी में मेरे से परजीवी की स्टडी करते हैं जो इनफैक्ट होते हैं और वूमेन में डिजीज प्रोड्यूस करते हैं परजीवी रोजी माइक्रोबायोलॉजी की एक ब्रांच होती है परजीवी क्या होते परजीवी लिविंग आर्गनिज्म होते हैं और लिविंग होस्ट लिविंग होस्ट में अपनी लाइफ साइकिल कंप्लीट करते हैं अपने पोषण के लिए लिविंग होस्ट पर डिपेंड रहते हैं ऐसे परजीवी को ऐसे माइक्रोऑर्गेनाइज्म को परजीवी कहा जाता है परजीवी को टू पार्ट में डिवाइड किया गया है प्रोटोजोआ और हेलमेटोलॉजी प्रोटोकॉलजी यूनिसेल्यूलर होता है इसमें हम प्रोटोजोआ की स्टडी करते हैं और हेलमेटोलॉजी मल्टीसेल्यूलर होते हैं उसमें हम हेलमेट्रिक और किट और उनसे होने वाले रोगों की स्टडी करते हैं

हर रोज केले खाते हैं तो इससे आपके शरीर में मौजूद खून अच्छे से खून के अच्छे से सफाई होती है साथ ही यह अकेला रक्त शोधन का काम करता है इससे आपको स्क्रीन पर होने वाली एलर्जी खुजली समेत कई अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है केले में मौजूद गुण शरीर पर ठंडा प्रभाव डालते हैं जिससे पेट की गर्मी बाहर निकल जाती है सर्दी जुकाम या खांसी में की समस्या में हमको किले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि जो केले की तासीर होती है ठंडी होती है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण हो सकते हैं एंटी माइक्रोवेव गुण भी हो सकते हैं यह दर्द सूजन में राहत प्रदान कर सकता है केला दर्द सूजन मेरा हाथ प्रदान करता है यह डिप्रेशन को मैनेज करने में भी हेल्प करता है

बीच के लेखक प्रेमचंद जी के बारे में जानेंगे प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई 1980 को वाराणसी में हुआ था उनके माता-पिता का नाम आया जाए लाल और माता का नाम आनंदी राय था उनकी पत्नी का नाम शिवरानी देवी था और बहन का नाम सजी राय था और उनके बच्चे का नाम बच्चों का नाम अमित राय कमला देवी श्रीपत राय उनके बच्चे थे साथ ही उन्होंने सो कहानी लगभग एक दर्जन उपन्यास 6 और कई लेखक लिखा उन्होंने कुछ नाटक भी लिखे और कुछ अनुवाद कार्य भी किया प्रेमचंद द्वारा लिखित पुस्तक का नाम गोदान और भाषाओं का अनुवाद हुआ गोदान उनकी कालजली रचना है उन गोदान से सेवा सदन प्रेमाश्रम रंगभूमि निर्मला गण कमी दर्शन उपन्यास और कफ़न कफ़न उसकी रात पंच परमेश्वर बड़े घर की बेटी बुधी काकी बहुत सारी कहानियां भी लिखी उन्होंने

12 मार्च से 12 अप्रैल तक एक महिने ट्रेन बुधवार ओर गुरुवार को छोड़कर सप्ताह के 5 दिन चलेगी।

Transcript Unavailable.

बॉडी में बहुत सारी सेल्स होती हैं ओ कितनी प्रेजेंट होती की जानकारी हमारी बॉडी में हीमोग्लोबिन मेल में 12.5 से 16 16 ग्राम पटेल परसेंट में होता है फीमेल में 11.5 से 15 ग्राम पर रियल परसेंट में न्यूबॉर्न बेबी में 13.5 से 18 होता है जो आरबीसी है वह मेल में 4.5 से 6.5 मिलियन में और फीमेल में 3.9 से 5.6 मिलियन में होती है और जो डीएलसी काउंट है इसका फुल डिफरेंशियल ल्यूकोसाइट काउंट इसमें न्यूट्रॉफिलिक से 40% इयोसिनोफिल एक से 5% और जो बसोफीलिक जीरो से 1% थ्रांबोसाइट 20 से 40% और मोनोसाइट टू सेट परसेंट और टीएलसी टोटल यह बीबीसी काउंट भी कहते हैं यह 4000 से 11000 पर क्यों में प्रजेंट होते हमारे बॉडी में होता है 3 से 5 मिनट का क्लोटिंग टाइम 5 से 8 मिनट का होता है थ्रांबोय टाइम 17 से 25 सेकंड का होता है

स्मॉल इंटेस्टाइन फैलियर से लेकर फॉलिकल जंक्शन तक फैला हुआ है यह लगभग 6 सेंटीमीटर लॉन्ग है इसकी लेंथ फीमेल की अपेक्षा मेल्स में अधिक होती है यह कॉल कॉल फीमेल की अपेक्षा मेल्ट में अधिक होती है उसे बड़ी हो जाती है ड्यू टू लॉस ऑफ़ दो था परसों में बड़ी मतलब जो डेड बॉडी होती उसमें बड़ी हो जाती है और जो लिविंग पर्सन में अपर फिक्स्ड पार्ट में डिवाइड ऊपर ऊपर क्यों डिवाइड होती है डिवाइड होती है जिसे ड्यूटी नाम कहते हैं जो हमारा ड्यूटी नाम होता है वह 25 सेंटीमीटर या और 10 इंच लोंग लेंथ होती इसकी ऊर्जा हमारी स्मॉल इंटेस्टाइन में 3 पार्ट में डिवाइड होती है और ड्यूटी नियम इस गम और हीलियम इसके 3 पार्ट होते हैं