मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा ज़िला से राकेश वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से पवन बातचीत की। बातचीत में पवन ने बताया वे मोबाइल वाणी के नियमित श्रोता हैं वे मोबाइल वाणी में जो भी खबरें चलाई जाती हैं वे सुनते हैं। बदलते मौसम कार्यक्रम सुनने के बाद उन्हें जानकारी मिला कि कृषि को बेहतर कैसे बनायें साथ ही कल्याणकारी सरकारी योजनाओं की जानकारी मिली। किसान अपने फसल के साथ अन्य व्यव्साय जैसे मधुमखी पालन, रेशम किट पालन करके अपनी आय में वृद्धि कर सकता हैं। इस खबर को सुनने के बाद उन्होंने अपने भाई और पिता को खेती करने के नए तरीकों और योजनाओं को बताया क्योंकि आजकल किसान कर्ज में डूब कर काफी परेशान रहते हैं

मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिला से राकेश वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि किसानों की सबसे बड़ी समस्या उनके कृषि उत्पादनों की कम कीमत है। हाल ही में एक अध्यन से ये पता चला है कि उत्पादन की ऊर्जा पर आधारित उचित मूल्य निर्धारण और कृषि मजदूरी को औद्योगिक मजदूरी के बराबर करना किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है। भारत की पहचान एक कृषि प्रधान देश के रूप में है परन्तु अब भी देश के बहुत से किसान बेहाल हैं इसी कारण से पिछले कुछ समय से देश में किसान आंदोलन चला है।इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में मानसून की भविष्वाणी नहीं की जा सकती है इसके बाउजूद देश के तमाम हिस्सों में सिंचाई व्यवस्था की उन्नति तकनिकी का प्रसारण नहीं हो सकता है आज भी देश के बहुत से ग्रामीण क्षेत्र है जो शहरों से नहीं जोड़े गए हैं।

मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिला से राकेश वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समय से पहले समय से पहले बोने से गेंहू की फसल 20% खराब हो गयी है। राकेश वर्मा ने बताया दिन में तेज धुप होने से फसलों में कीड़े लग गए हैं। रबी फसलों में बहुत नुकसान हो रहा है

मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिला से राकेश वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से फूलचंद से कृषि करने में क्या-क्या सामना करना पड़ता हैं,इस सम्बन्ध में साक्षात्कार लिया है। जिसमें उन्होंने बताया कि कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण मौसम होता है और मौसम के परिवर्तन के कारण कभी धुप और कभी बारिश इस कारण फसलों का नुक्सान होता है। सोयाबीन और धान काटने का समय है और बारिश हो जाती है तो इस कारण फसलों का नुक्सान हो जाता है। बारिश के कारण नमी आ जाती है और बीज सिकुड़ जाते है और इसे अधिक से अधिक धुप की आवश्यकता होती है। किसानों को अपनी फसलों को उपजाऊ बनाने के लिए खेतों को जोतना होगा। अब गेहूं और चना की बुआई होगी। किसान ही किसान की कठिनाईओं को समजह पाते है वो जानवरों और कीड़ों के दर को हटा कर अपनी खेती करते है और अपनी फसलों का उपज करते है। सरकार द्वारा किसानों को सुविधा मलनि चाहिए।

मध्यप्रदेश राज्य के जिला खंडवा से शीतल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से किसानों को अनेक प्रकारों की समस्याएँ हो रही है। आगे बता रही है कि खेतों में मनचाहा दवा का प्रयोग करने से खेत की मिट्टी तथा जलप्रदूषण बढ़ रहा है इसलिए हमेशा किसानों को सलाह ले कर ही खाद का उपयोग करना चाहिए। आगे कह रही है कि भविष्य में किसानों को पानी की कमी ना हो इसके लिए उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रयोग करना चाहिए,पानी को छोटे गड्ढों और टैंकों पर बचा कर रखना चाहिए ताकि फसलों में पानी को बेहतर उपयोग कर सकें

मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिला से नम्रता कनोजिया मोबइल वाणी के माध्यम से कविता डाकसे जी साक्षात्कार लिया यही। जिसमें उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन से आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है बड़ी जिंता का विषय है। यह प्रयास किया जाना चाहिए की फसलों की नयी किस्म खास कर जो तापमान वृद्धि सहन कर सके ऐसे फसलों को उगाना चाहिए। कसानों को भी परम्परिक ज्ञान और व्यवाहिरक विधियां सुचना प्रोधौगिकी एवं तकनीक की जानकारी देना चाहिए। सब्जी उगने के लिए जल प्रबंधन से पानी की खपत को कम किया जा सकता है । हमें अधिक से अधिक पौधे लगाना चाहिए हरयाली को बढ़ावा देना चाहिए। इस प्रकार जलवायु परिवर्तमन को कम कर सकते है और किसानों के व्यवसाय को बच्चों के भविष्य के लिए आगे बढ़ा सकते हैं

मध्य प्रदेश राज्य के बरवानी जिला से नम्रता कनौजिया ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है। सामूहिक प्रयास करके हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।जलवायु परिवर्तन का असर कृषि और प्राणियों के स्वास्थ्य पर बहुत पड़ता है। जैविक कृषि पद्धति का किसान अगर उपयोग करेंगे तो,उपज की लगत काम होगी,स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव नही पड़ेगा एवं खेत की मिट्टी भी उपजाऊ रहेगी