घर की लक्ष्मी कही जाने वाली बेटियों को चहल-पहल से पूरा घर गूंजता रहता है। हालांकि आज भी कई लोग ऐसे हैं जो लड़कियों को बोझ मानते हैं और उन्हें बेटों से कम सकते हैं। इस रूढ़िवादी सोच से बेटियों को बचाने के मकसद से हर साल सितंबर के चौथे रविवार को अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस मनाया जाता है।