संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन नई संसद भवन में महिलाओं से जुड़ा ऐतिहासिक बिल पेश किया गया। इस विधेयक के कानून में बदलने के बाद सदन में महिलाओं की 33% अनिवार्यता हो जाएगी।