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साथियों, आप सुन रहे हैं जीत गई जिंदगी लेकिन आज एक जिंदगी हर गई और इस हार की वजह शायद इन्सान की वो जरूरत है। जिसे पूरा करने एक सपना हम सब देखते हैं। कोरोना का सबसे ज्यादा असर हमरे देश की प्रगति के पहियों यानी की गरीबों,दिहाड़ी पर काम कर रहे कामगारों पर पड़ा है। पर साथियों यदि आपको किसी भी तरह से अपनी जरूरत पूरी करने में कोई मुश्किल आ रही है तो हम तक जरूर साझा कीजिये अपने फोन में नंबर-3 दबाकर

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के सुवंकरपुर पंचायत से किरण देवी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि ये गरीब मजदुर हैं। सिर्फ चावल मिला है। दाल नहीं मिला है। सिर्फ चावल कैसे खाएंगे ?

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कोरोना वाइरस के कारण लॉकडाउन में बहुत से प्रवासी कामगार अलग अलग राज्यों में फंस गए है और वहाँ किसी तरह की परेशानी आ रही है तो सरकार से मदद ले सकते है और इसके लिए जारी किये गए है हेल्पलाइन नंबर।