दोस्तों, यह व्यवस्था बायोमैट्रिक सिस्टम पर आधारित है. इससे राशन कार्ड धारक की पहचान उसकी आंख और हाथ के अंगूठे से होती है. इस योजना से देशभर के 32 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़ चुके हैं. अगर कोई राशन कार्ड धारक दूसरे शहर जा रहा है तो वह 'मेरा राशन ऐप' पर खुद रजिस्टर कर के जानकारी दे सकता है. रजिस्ट्रेशन करने बाद उसे वहीं राशन मिल जाएगा. इसके साथ ही प्रवासी लाभार्थियों को इस ऐप के जरिए पता करना आसान होगा कि उनके आसपास पीडीएस के तहत संचालित राशन की कितनी दुकानें हैं. कौन सी दुकान उनके सबसे ज्यादा करीब है, यह भी आसानी से पता लगाया जा सकता है. दोस्तों, अगर आप कार्ड बनवा चुके हैं तो क्या आपको समय पर राशन मिल रहा है? और क्या आपको एक देश एक राशन कार्ड योजना के बारे में जानकारी थी? अपनी बात हम तक जरूर पहुंचाएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.
दोस्तों , ई—श्रम कार्ड पूरे देश में मान्य होगा और इससे मजदूर साथियों को दूसरे राज्यों में काम मिलने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी. इसलिए आप भी ये कार्ड जरूर बनवा लें. साथ ही अगर आपको ई—श्रम कार्ड बनवाने में कोई भी परेशानी आ रही है तो मोबाइलवाणी आपका सहयोग करेगा. हमारे वॉलिंटियर दिल्ली, एनसीआर समेत और दूसरे राज्यों में भी श्रमिको का ई—श्रम कार्ड बनवाने में मदद कर रहे हैं.
साथियों, हक़ की बात कार्यक्रम के जरिये आज सुनते हैं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों, फेरीवालों एवं किसानो के व्यवसाय के लिए लोन के बारे में। विस्तारपूर्वक जानकरी के लिए ऑडियो में क्लिक करें
साथियों, हक़ की बात कार्यक्रम के जरिये आज सुनते हैं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत श्रमिकों के लिए बुनियादी सहायता प्रणाली और स्वास्थ्य प्रणाली के बारे में जानकारी। विस्तारपूर्वक जानकरी के लिए ऑडियो में क्लिक करें
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