बिहार सरकार ने सोमवार से स्कूल खोलने की छूट दी है. इस दौरान मागदर्शन कक्षा के लिए बच्चे स्कूल आ सकते हैं. सरकारी स्कूल खुलेंगे. हालांकि, कोरोना महामारी को देखते हुए ज्यादातर निजी स्कूलों ने बंद ही रखने का फैसला लिया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
संसद में पारित तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान सड़कों पर है. 25 सितंबर 2020 को पूरे देश भर में प्रदर्शन किए गए. लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हों। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।
कोरोना महामारी के बीच जब किसान लाभकारी मूल्य पर अपने उपज को बेचने की मांग कर रहे थे, ऐसे में बिहार सरकार ने इस साल कुल उत्पादन की तुलना में महज एक फीसदी से भी कम गेहूं खरीदा है. इतना ही नहीं, गेहूं खरीद के लिए राज्य द्वारा लगाए गए प्रति खरीद केंद्रों ने किसानों से औसतन करीब एक टन गेहूं खरीदा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
कृषि बिल के विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. इसी कड़ी में आज किसानों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. आंशका है कि आज किसान उग्र प्रदर्शन कर सकते हैं. बता दें कि हरियाणा और पंजाब के किसान इस बिल के खिलाफ सबसे ज्यादा विरोध दर्ज कर रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
भारत सरकार इन दिनों गोदामों में बढ़ते अनाज की चुनौती से जूझ रही है एक ओर जहां, सरकारी एजेंसी हर सीजन में अनाज खरीदने का लगातार रिकॉर्डतोड़ रही है. वहीं खरीफ के इस सीजन में बंपर उत्पादन होने की संभावना है. इसके चलते चुनौती यह है कि यह अनाज रखा कहां जाएगा? लेकिन दूसरी बड़ी चुनौती यह है कि अगर यह अनाज बाजार में उतार दिया तो कीमतों में जबरदस्त कमी आ सकती है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
संसद में तथाकथित कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के निर्णय को मंजूरी प्रदान की. सरकार ने गेहूं का एमएसपी 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
पिछले छह सालों में कई विधानसभा चुनावों के दौरान विभिन्न पार्टियों द्वारा किसानों का कर्ज माफ करने के वादे के बाद 10 राज्यों ने करीब 1.12 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज माफ नहीं किया है.इतना ही नहीं, आंशिक कृषि कर्ज माफी के बावजूद किसानों पर ऋण का भार बढ़ता ही जा रहा है और किसानों द्वारा कर्ज लेने की राशि में साल दर साल बढ़ोतरी हुई है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
जब 2019 के संसदीय चुनावों के परिणाम घोषित किए गए थे, तभी से दिल्ली दंगों की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपियों के तेवर हिंसा भड़काने वाले थे। चुनावी परिणामों के बाद से ही उनके दिमाग में हिंसा पनपनी शुरू हो गई थी। ये बात कही गई है दिल्ली पुलिस द्वारा दंगों की साजिश के केस में यूएपीए (UAPA) के तहत 15 लोगों के खिलाफ दायर की गई 2,695 पन्नों की चार्जशीट में। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
पूरे देश में इस समय किसान आंदोलन चल रहे हैं. नए कृषि विधेयक से देश के अधिकांश किसान खफा हैं. और सबसे ज्यादा परेशानी इस बात की है कि नए कानून के बाद मंडियों का अस्तित्व खत्म हो सकता है. देश में 86.2 फ़ीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है और इनमें से औसतन एक किसान के लिए मंडी की दूरी तकरीबन 450 किलोमीटर जबकि नेशनल कमीशन एग्रीकल्चर फ्रेमवर्क ने यह सुझाव दिया था कि एक किसान और मंडी के बीच की दूरी 80 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हालांकि तीनों बिल लोकसभा में पारित हो चुके हैं. किसान इनका विरोध कर रहे हैं, विपक्ष सरकार पर निशाना साध रही है, लेकिन सरकार इन्हें किसानों के हित वाला बता रही है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।