कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिए स्वैच्छिक रिटायरमेंट पेंशन स्कीम लॉन्च की थी. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना नाम से शुरू इस स्कीम में असंगठित क्षेत्र के कर्मियों की काफी दिलचस्पी देखी गई थी. अगर बात 31 मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष की करें तो श्रम योगी मानधन योजना में योगदान करने वाले लोगों की संख्या तेजी से गिरी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा टाल दी गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा मंत्री और मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें यह फैसला लिया गया है. सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा को टाल दिया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे प्रवासी बच्चों की संख्या और उनकी स्थिति से उसे अवगत कराएं. न्यायालय ने ये निर्देश उस याचिका पर दिया, जिसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच प्रवासी बच्चों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि कोविड-19 संकट की गंभीरता के चलते केंद्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी और इस दौरान प्रवासी बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए और सबसे संवेदनशील स्थिति में हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

भारत में कोरोना संकट तेजी से बढ़ रहा है और इसके साथ ही देश के कई हिस्से में वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का दौर शुरू हो गया है. इसके बाद भारत के जॉब मार्केट में चिंता बढ़ गई है. एक निजी रिसर्च फर्म ने अपने आंकड़ों में यह जानकारी दी है. 11 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में भारत में बेरोजगारी की दर 8.6% पर पहुंच गई. इससे 2 हफ्ते पहले यह 6.7 फ़ीसदी पर थी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मार्च 2021 में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.52 फीसदी पर पहुंच गई है. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच आम आदमी के लिए इस वजह से और मुसीबत खड़ी हो सकती है. इस बीच औद्योगिक उत्‍पादन घटने की भी सूचना है. फरवरी 2021 में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 3.6 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश के कोने-कोने में कोरोना वायरस का कोहराम मचा हुआ है. कोरोनावायरस से देशभर में दिन-प्रतिदिन हालात खराब होते जा रहे हैं. भारत के सभी राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसके साथ ही फेक न्यूज का प्रसार भी हो रहा है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली के मुकाबले ज्यादा ताकतवर लग रही है. इसे काबू में करने की कोशिशें नाकाफी साबित हुई हैं. ऐसे में फिर से लॉकडाउन की चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच, उद्योग जगत का मानना है कि आंशिक लॉकडाउन भी काफी नुकसानदेह साबित होगी. प्रमुख उद्योग चैंबर के एक सर्वे से इस बात के संकेत मिले हैं. ज्यादातर सीईओ का मानना है कि आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाये जाने से श्रमिकों के साथ-साथ वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हो सकती है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, कंज्यूमर और ऑटो सेक्टर की कंपनियां कोरोनावायरस के संकट के दौर में फिर से लेबर माइग्रेशन की चिंता से जूझने लगी हैं. देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस और उसे रोकने के लिए लगाए जा रहे प्रतिबंध और लॉक डाउन की वजह से मजदूरों की रोजी-रोटी पर असर पड़ सकता है. रेस्टोरेंट्स और रिटेल सेक्टर की बात करें तो मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में रिवर्स माइग्रेशन शुरू हो चुका है.

विवादित कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ किसानों का आंदोलन का मीडिया में कवरेज होना बंद हो गया हो पर यह आंदोलन अब भी उतनी ही गंभीरता से जारी है. लेकिन किसानों के सामने अब बड़ी समस्या यह है कि उनकी फसले खेतों में तैयार हैं, दूसरी तरफ सरकार आंदोलनकारी किसानों की मांगे माननी तो दूर उनसे बातचीत भी नहीं कर रही है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना महामारी भारत में ऐसे समय आई, जब देश में एक दशक में सबसे कम आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई थी. पिछले साल तक बेरोजगारी बढ़ रही थी, उपयोग की जाने वाली चीजों पर खर्चा कम हो रहा था, और जनता के लिए किया जाने वाला विकास कार्य स्थिर था. यही तीनों कारक एक साथ यह दर्शाते हैं कि कोई अर्थव्यवस्था कितनी बेहतर है. विभिन्न स्त्रोतों से मिली रिपोर्ट बताती हैं कि गांवों में रहने वाले ज्यादातर असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले और गरीब हो रहे हैं। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।