सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है. वायरल खबर में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए सरकार प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना के तहत युवाओं को 4000 रुपए की आर्थिक मदद दे रही है. यह दावा सही है या गलत इसको लेकर अब सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है. पीआई फैक्ट चेक ने इस दावे को फर्जी बताया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

केंद्र सरकार में पिछले चार वर्षों के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में 935 करोड़ रुपये का गबन हुआ है. यह आंकड़ा किसी निजी एजेंसी का नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की ‘सोशल ऑडिट यूनिट’ द्वारा किये गए ऑडिट में सामने आया है. इतनी भारी-भरकम राशि की वित्तीय हेराफेरी में से महज एक फीसदी से अधिक यानी कि करीब 12.5 करोड़ रुपये ही वसूल किए जा सके हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

भारत को किसानों का देश कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में 13 जनवरी 2016 से एक नई योजना ;प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना; के नाम पर शुरू की थी. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने इस योजना से कृषि पर आश्रित गरीब किसानों को फायदा तो नहीं पहुंचाया, बल्कि अपनी आंखों के सामने उन्हें खूब लूटवाया। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

साल 2018-19 में कुल रोजगार में कृषि की हिस्सेदारी 42.5 फीसदी से 2019-20 में नाटकीय ढंग से बढ़कर 45.6 फीसदी हो गई. कुल रोजगार में कृषि की भागीदारी में यह इजाफा भारतीय अर्थव्यवस्था के एक चिंताजनक पहलू को दिखाता है। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोविड की तीसरी लहर के आने का अंदेशा जताया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि सितंबर माह तक कोविड मरीजों की संख्या में इजाफा हो सकता है, अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर देश लॉकडाउन की दिशा में आगे जाएगा. इसी बीच एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोविड की तीसरी लहर की आंशका के चलते एक बार फिर से स्कूल और कॉलेज बंद किए जा रहे हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोविड-19 की दूसरी लहर ने भारत के बाकी हिस्सों की तरह गुजरात के हर शहर तबाही मचाई थी, जिसमें ढेरों मौतें हुईं. गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा इसे लेकर सटीक डेटा प्रकाशित करने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई करने के बावजूद सरकार ने दावा किया कि 2020 में शुरू हुई महामारी की दो लहरों के दौरान केवल 10,075 लोग कोविड के कारण मारे गए थे। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

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कृषि मंत्रालय के हालिया अनुमानों के मुताबिक़ भारत में 2020-21 में करीब़ 309 मिलियन टन का खाद्यान्न अनाज उत्पादित हुआ है, जो अब तक का सबसे ज़्यादा है.लेकिन खाद्यान्न और कृषि संगठन के 2020 के अनुमानों के मुताबिक़ भारत में कम से कम 19 करोड़ लोग गंभीर भुखमरी का शिकार हैं. मतलब हमारी आबादी का 14 फ़ीसदी हिस्सा नियमित तौर पर भूखा रहता है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।