मार्च 2020 से ही सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि गुनगुने पानी में नमक या सिरका डाल कर पिया जाए तो कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है. कई लोगों ने लिखा है, कोरोना सावधानी – कोरोना वायरस फेफड़े में पहुंचने से पहले वह गले में 04 दिन तक रहता है, उस दरमियान व्यक्ति के गले में दर्द व कफ की शिकायत रहती है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के कारण अपने घरों को लौटने को मजबूर मजदूरों को सरकार ने राशन देने का वायदा तो किया पर वो पूरा नही हो सका. केंद्र सरकार ने 15 मई 2020 को घोषणा की थी कि जिन जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम या राज्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्ड नहीं है उन लोगों को मुफ्त राशन दिया जाएगा। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कवि और लेखक वरवर राव का जेल में गंभीर रूप से बीमार रहने के बाद आज देहान्त हो गया। बताया जा रहा है कि उन्होंने मरने से पहले फोन पर आज पत्नी हेमलता और बेटी पवना से बात की। अपनी बातचीत में वे बार-बार अपने मृत माता-पिता का जिक्र कर रहे थे। उनके साथ जो शख्स जेल में था, उसने उनकी पत्नी को बताया कि उनकी स्थिति बेहद खराब है। उनको जेल में रहते तकरीबन दो साल हो गए हैं। उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि जेल प्रशासन उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सूचनाओं को उन तक नहीं पहुंचने दिया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

तमिलनाडु के नेवेली स्थित एनएलसी इंडिया के एक बॉयलर में हुए विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि सात लोगों का इलाज चल रहा है और तीन लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक को कम से कम 30 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है और मृतक के परिवार के एक योग्य सदस्य को नियमित रोजगार भी प्रदान किया जाएगा. भारत सरकार की नवरत्न कंपनी एनएलसी इंडिया के थर्मल संयंत्र -2 की पांचवीं इकाई में एक जुलाई को यह हादसा तब हुआ था, जब श्रमिक परिचालन शुरू करने की प्रक्रिया में थे. विस्फोट के कारण छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 17 अन्य घायल हो गए थे. इस संयंत्र में इस तरह का यह दूसरा हादसा था.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोनावायरस बीमारी की दवा परीक्षण में लगा वैज्ञानिक समुदाय दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहा है। हर दिन उपचार और परीक्षण में लगे वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक मानव कोशिका मैंबरेन ऑन अ चिप विकसित की है, जो कि संक्रामक एजेंट और कोशिकाओं के संपर्क करने की प्रक्रिया और इसके परिणामों का रिकॉर्ड रख सकती है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोविड-19 संकट के बीच अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिए 11वीं कक्षा के राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से संघवाद, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता पर पाठ को हटा दिया है. इसके अलावा पाठ्यक्रम से ‘हमें स्थानीय सरकारों की आवश्यकता क्यों है?’ और ‘भारत में स्थानीय सरकार का विकास’ जैसे टॉपिक को भी हटा दिया गया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश में तेजी से बढ़ते कोरोना केसेज के साथ, हर रोज ऐसे दावे भी सामने आ रहे हैं कि घरेलू नुस्खों या आयुर्वेद के जरिये कोरोना का इलाज किया जा सकता है. इसी बीच फेसबुक पर दावा किया जा रहा है कि कषायम नाम का काढ़ा पीने से कोविड-19 बीमारी का इलाज किया जा सकता है।

कोरोना वायरस महामारी को लेकर बिहार समेत पूरे देश में 14 मार्च से सभी स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद हैं.लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में छात्र पूरी तरह से अपने स्कूलों और पाठ्यक्रमों से दूर हो चुके हैं. इस बीच राज्य के निजी स्कूलों ने छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दिए. डीडी बिहार पर सरकार की ‘मेरा दूरदर्शन, मेरा विद्यालय’ योजना के तहत हर क्लास की पढ़ाई हो रही है. 20 अप्रैल से 9वीं और दसवीं तथा 4 मई से 11वीं-12वीं और छठी से आठवीं की भी क्लास जारी है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

लाइव मिंट में प्रकाशित एक ओपिनियन पीस में संदीपन देब ने दावा किया कि भारतीयों पर कोविड-19 का कोई असर नहीं होगा, क्योंकि जेनेटिक तौर पर उनकी इम्यूनिटी मज़बूत है. इस दावे के पीछे एक रिसर्च का हवाला दिया गया है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें।  यह शोध नेचर एशिया पत्रिका में प्रकाशित हुआ है

कोरोना महामारी के दौरान बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि लॉकडाउन के समय स्कूल बंद होने के दौरान भी मिड-डे मील योजना चालू रखी जाए. इसके अलावा गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी योजना के तहत बच्चों को लाभ दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट भी इस बात पर मुहर लगा चुका है.पर द वायर ने जब इस मामले की सही जानकारी लेने के लिए आरटीआई दाखिल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई.पता चला कि मिड-डे मील योजना के तहत जितना लाभ दिया जाना चाहिए था, राज्य सरकार ने बच्चों को इसके मुकाबले आधा या इससे भी कम लाभ दिया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।