महामारी के दौरान कृषि एकमात्र ऐसा क्षेत्र रहा, जिसने वृद्धि दर्ज की है. वहीं, इस बीच देश अपने ही प्रमुख किसानों के विरोध प्रदर्शनों का भी साक्षी बन रहा है. वे सिर्फ उनकी उपज के लिए न्यूनतम मूल्य का आश्वासन चाहते हैं. यकीनन यह इतिहास का पहला ऐसा किसान आंदोलन है. इसके अलावा यह चौंकाने वाली बात नहीं है कि देश में हर चौथा मतदाता एक किसान है, जो आर्थिक पतन के कारण संकटग्रस्त किसान बन चुका है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।