कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों से जब करोड़ों की संख्या में प्रवासी अपने गांव-घर पहुंचे तो कृषि क्षेत्र के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून ने बेकाम और भोजन की तलाश करने वाले लोगों के रोजमर्रा जीवन को चलाने में बड़ी भूमिका अदा की. लोगों को आम बजट में मनरेगा को और ज्यादा शक्ति और गति देने की आस थी, लेकिन बजट में मनरेगा के आवंटन ने झटका दिया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।