भारतीय रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटने का अनुमान है. इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है. दरअसल, अर्थशास्त्र में जब लगातार दो या अधिक तिमाहियों में जीडीपी की वृद्धि दर निगेटिव में आ जाती है तब इसे मंदी कहा जाता है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।