कई अर्थशास्त्रियों ने तर्क दिया है कि देश में आने वाले महीनों में बढ़ती बेरोजगारी और मजदूरी में कटौती के कारण मांग को झटका लग सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने भविष्यवाणी की थी कि इस वित्तीय वर्ष में देश सबसे बदत्तर मंदी के हालात देख रहा है और यह आने वाले समय में और भी खराब हो सकते हैं. केंद्र सरकार ने अपने प्रोत्साहन पैकेज के एक भाग के रूप में मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ रुपये का फंड दिया था पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह काफी नहीं है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।