देश में कोरोना महामारी के जोखिम के बीच शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने का काम कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार की भेदभावकारी नीतियों के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. आशा कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के समक्ष अपनी कई मांगें रखी हैं, जिनमें इनका नियमित वेतन सुनिश्चित करना, सरकारी कर्मचारियों के तौर पर मान्यता देना, कोरोना वॉरियर्स के तौर पर इनके लिए बीमा राशि का बंदोबस्त करना शामिल हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।