जब तक स्कूल खुले थे तब तक गांव के बच्चों को कुछ और नसीब हो ना हो पर एक वक्त पेट भरकर भोजन मिल जाया करता था. अतिगरीब परिवार के बच्चे को भोजन की लालच में ही स्कूल पहुंच जाया करते थे. पर जब से कोरोना काल शुरू हुआ है स्कूलों में ताले हैं और मासूमों को भोजन के लाले! ऐसे मजबूर बच्चे अब क्या करें? पेट भरने के लिए कोई कचरा बीन रहा है तो कोई कबाड़ जमा कर उसे बेच रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।