आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वे घर—घर जाकर कोविड मरीजों की संख्या का सही पता लगाए. यह काम जितना कहने में आसान है उतना ही मुश्किल भरा है. सही मायनों में देखा जाए तो मुश्किल से ज्यादा खतरों से भरा है. क्योंकि इन कार्यकर्ताओं के पास अपनी सुरक्षा का कोई जरिया नहीं है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।