दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

तो साथियों , सुना आपने। पंचायतों में समितियों का कितना महत्व व आवश्यकता है। तो आप हमें बताएं कि - क्या आप अपनी पंचायत में होने वाले कार्यो के बारे में जानते है या उसकी योजना बनाते समय आपकी राय ली जाती है? - साथ ही अगर आपके गाँव में तालाब सिचाईं के लिए सुविधा नहीं है तो क्या आपने अपने ग्राम पंचायत से इसकी मांग की ? - और आपके मुखिया में क्या क्या गुण होने चाहिए ? और अगर मुखिया के चुनाव देरी होती है तो आपको कैसी परेशानी होगी ?क्या आप सरकारी बाबुओं के सामने अपनी बात खुल कर रख पाते है ? साथ ऐसा क्या करना चाहिए की पंचायत चुनाव सही समय पर हो ?

पंचायतीराज के माध्यम से शासन में समाज के अंतिम व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित होती है जिससे सुदूर ग्रामीण प्रदेशों के नागरिक भी लोकतंत्रात्मक संगठनों में रुचि लेते हैं। आज की कड़ी में हमलोग जानेंगे पंचायतीराज के 73वें संशोधन के बारे में. जिससे पंचायतो को पूर्ण शक्ति मिली. तो आप हमें बताएं कि क्या आप अपनी पंचायत में होने वाले कार्यो के बारे में जानते है या उसकी योजना बनाते समय आपकी राय ली जाती है? साथ ही क्या आप अपनी परेशानी पंचायत के साथ साझा कर पाते है औ क्या आपकी बात वहां सुनी जाती है ? और आपके मुखिया में क्या क्या गुण होने चाहिए ?