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दोस्तों, दिल्ली समेत देश के कई दूसरे राज्यों में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है. केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन को आखिरी विकल्प के तौर पर रखा है पर राज्यों में कुछ छूट के साथ लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू लगाया जा रहा है. जाहिर सी बात है कि इससे जनता की भलाई होगी पर समाज का एक वर्ग वो भी है जो रोजाना काम करता है और दैनिक मजदूरी से पेट भरता है. लॉकडाउन के कारण उनका जीवन ज्यादा प्रभावित हो रहा है. जब हम ये मसला लेकर लोगों के बीच गए तो लॉकडाउन को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया मिली, आइए सुनते हैं..
दोस्तों, ग्राम समितियों का गठन व उनको कार्यशील करना पंचायती राज की सफलता का एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। ग्राम पंचायत में गाँव के विकास का काम सही से हो, यह किसकी जिम्मेदारी है . तो आप हमें बताएं कि ग्राम सभा के बारे में आप कितना और क्या जानते हैं ? क्या आपने कभी अपने गाँव में ग्राम सभा बैठक होते देखी है अगर हाँ तो अपना अनुभव साझा करें! साथ ही क्या आपको लगता है कि ग्रामीणों की ज्यादातर समस्याओं का समाधान ग्राम सभा से हो सकता है? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।
आरामपुर में सभी चीज़े रुकी हुई सी है। यहां किसी को किसी भी चीज़ की हड़बड़ी नहीं है। यहाँ रहनेवालों के लिए ज़रूरत की चीज़े बहुत ही अलग है जैसे कि- लालटेन, मच्छर मारने की दवा , गैस चूल्हा की जगह लकड़ी और..कोई-कोई इस्तेमाल करते है सातो का टॉयलेट यहाँ पानी का पाइप है लेकिन पानी नहीं है . बिजली है लेकिन जलती नहीं है. टॉयलेट है लेकिन लोग इस्तेमाल नहीं करते है. क्यों ??? अब ये सब जानने के लिए इंतज़ार कीजिए 5 नंवबर का, सिर्फ मोबाइलवाणी पर .
