दोस्तों , अगर आप लोग चाहते हैं कि परिवार में सभी मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहें तो अपनी सोच सकारात्मक रखो. भरपूर नींद लोग और योग, ध्यान जैसी गतिविधियां करनी शुरू करो. और एक बात का ध्यान रखना... शराब, तम्बाखू या किसी भी प्रकार के नशे से खुद को और परिवार को दूर रखना. ये चीजें शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती हैं. साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर करेंगी. जिससे कोविड के प्रति लड़ना मुश्किल हो जाएगा. ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .

दोस्तों, मालुम है , स्वास्थ्य विशेषज्ञ समुदाय का कहना है कि शराब पीने या फिर धूम्रपान करने से शरीर के उस तंत्र में बाधा होगी जिसमें कोविड-19 वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी का उत्पादन होने की उम्मीद है।डॉक्टर्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति कोविड-19 वैक्सीन लेता है और उसके बाद धूम्रपान या शराब पी लेता है, तो इससे एंटीबॉडी के उत्पन होने में बाधा आएगी और जिस स्तर की एंटीबॉडी की ज़रूरत है उतनी शरीर को नहीं मिल पाएंगी . और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

ग्रामसभा की बैठक में सदस्यों की सक्रिय भागीदारी ही पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ एवं ग्रामीण विकास को गति प्रदान कर सकती है। इसलिए ग्रामसभा के सभी सदस्यों को बैठक में हिस्सा लेना केवल उनका अधिकार ही नहीं परन्तु उनका परम कर्त्तव्य भी है। तो साथियों आप हमें बताएं कि — आप ग्राम सभा के बारे में कितना और क्या जानते हैं? क्या आपने कभी अपने गांव में ग्राम सभा की बैठक होते देखी है अगर हां तो अपना अनुभव साझा करें इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

गुजरात के बाद बिहार ने राज्य में शराब की दुकानों के शटर गिरा दिए. आला मंत्री और अधिकारियों ने सोचा कि अब नशे से छुटकारा मिलेगा पर ऐसा नहीं हुआ. दुकानों के शटर गिराने के बाद राज्य में चोरी छिपे शराब की तस्करी और खरीद-फरोख्त शुरू हो गई है.

बीड़ी मजदूर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मजदूर संगठनों से मदद मांगते हैं और मजदूर संगठन इतने लाचार हैं कि उनकी समस्याएं श्रम विभाग के अधिकारियों तक पहुंच भी नहीं पातीं. वे जाते हैं, ज्ञापन सौंपते हैं और चले आते हैं..कोई नहीं जानता कि किसी ने कागज पर लिखी मजदूरों की दिक्कतों को पढ़ा भी या नहीं... आखिर क्यों ​नहीं हो रही है सुनवाई.. पूरा माजरा समझने के लिए अभी क्लिक करें और सुनें..

बीड़ी मजदूर और सुलगते सवाल कार्यक्रम की नई कड़ी में आज का सुलगता सवाल है बच्चों का भविष्य। जो नशा हर उम्र हर वर्ग के लोगों के लिए खतरनाक है उस नशे को बनाने में बचपन झुलस रहा है, वो भी सिर्फ ​इसलिए ताकि उनके घर का चूल्हा जलता रहे! बीड़ी बनाने वाली एक बाल मजदूर से सुनिए उसकी पीड़ा..

बीड़ी मजदूर और सुलगते सवाल कार्यक्रम में आपका स्वागत है! आज कार्यक्रम की पहली कड़ी है और हम यहां आपसे कुछ नहीं कहना चाहते बल्कि आपको सुनाना चाहते हैं बीड़ी मजदूरों की परेशानी उन्ही की जुबानी...आइए सुनते हैं.

दोस्तों, कितनी ही बार हमने अपने आसपास सिगरेट—बीड़ी का कश लगाते हुए लोगों को देखा है.. और जब भी देखा है बस यही सोचा है कि आखिर क्यों...! लोग जिंदगी को यूं धुएं में उड़ाए जा रहे हैं. पर कभी छांका है उस धुएं में धुआं होती उन जिंदगियों के भीतर, जो ना चाहते हुए भी इस दलदल में फंसी हैं! जो जानती हैं कि ये बीड़ी कई परिवारों की खुशियां छीन रही है, कई लोगों के सांसे थामें जा रही है और फिर भी जली जा रही है! इस बीड़ी को जलाए रखना उनकी मजबूरी है, क्योंकि उनके पास कोई नहीं है जो हाथ आगे बढ़ाकर उन्हें इस दलदल से बाहर ले आए.. ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें