दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?
दोस्तों, एक महिला अपने जीवन में कई भूमिकाएँ निभाती है। इसके बाद भी हम उनकी अहमियत को नहीं समझते | सुनने के लिए क्लिक करें।
दोस्तों, पन्ना ने जो सवाल डॉ. स्नेहा से पूछा है, उसका जवाब ढूँढना बेहद ही ज़रूरी है। आखिर वो क्या सवाल है, सुनने के लिए क्लिक करें।
दोस्तों, शौचालय बनवाकर उसका इस्तेमाल कर हम कई बिमारियों को हरा सकते है। और क्या लिखा है डॉ. स्नेहा की डायरी में, सुनने के लिए क्लिक करें।
दोस्तों, जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें अन्धविश्वास को पीछे छोड़ना पड़ेगा। डॉ. स्नेहा की डायरी में और क्या लिखा है ? सुनने के लिए क्लिक करें।
स्वच्छता बनी रहेगी, तो सेहत बनी रहेगी। कैसे ? सुनने के लिए क्लिक करें।
गंदगी से क्या पड़ता है असर हमारी ज़िन्दगी पर, और क्यों ज़रूरी है हमें अपनी सोच में बदलाव लाने की, सुनने के लिए क्लिक करें।
कहते है साज़िश कितनी बड़ी ही क्यों ना हो, सच सामने आ ही जाता है। पन्ना के साथ हुई हिंसा का सच क्या सामने आएगा, सुनने के लिए क्लिक करें।
पन्ना के ऊपर हुई हिंसा को देखकर डॉ. स्नेहा अब क्या करेंगी, सुनने के लिए क्लिक करें।
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