जलवायु परिवर्तन के चलते उपजी प्राकृतिक आपदाओं के चलते विस्थापन बढ़ रहा है. इसने अभी तक ऐतिहासिक वजहों यानी संघर्षों और हिंसा के कारण होने वाले विस्थापन की प्रवृत्ति को बदल दिया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

अगले साल के शुरुआत में देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में लगे हुए हैं। इन चुनावों के जरिए सभी राजनीतिक दल खुद को 2024 में होने वाले लोकसभा के लिए परखना भी चाहेंगे. इसी बीच इन दिनों वॉट्सऐप पर एक पेपर कटिंग को बहुत शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा गया है कि चुनाव आयोग ने एक नया नियम जारी किया है कि अगर अगले लोकसभा चुनाव के अंदर जो मतदाता वोट नहीं डालेगा, उसके बैंक अकाउंट से 350 रुपए काट लिए जाएंगे.इस खबर के वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।  

राजस्थान पुलिस दलित समुदाय के लोगों की शादियों में रुकावट पैदा करने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करेगी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि दलित वर्ग के लोगों के विवाह समारोह में दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने, बारातियों से मारपीट करने तथा बैंड नहीं बजाने देने इत्यादि कार्य संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है एवं गैरकानूनी हैं. ऐसे कृत्यों को रोकना पुलिस एवं प्रशासन का उत्तरदायित्व है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।  

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बुधवार को संसद को बताया कि उनके पास किसान आंदोलन के दौरान हुई मौतों का ‘कोई रिकॉर्ड’ नहीं है, इसलिए मुआवजा देने का कोई सवाल नहीं उठता है. मालूम हो कि देश के विभिन्न हिस्सों में एक साल लंबे चले किसान आंदोलन के चलते मोदी सरकार ने बीते सोमवार को संसद में तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक पारित कराया था। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले आठ महीनों में ही सिख, बौद्ध और पारसी समुदायों से पिछले पूरे साल की तुलना में अधिक शिकायतें मिली हैं. सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में मिला कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमीक्रॉन काफी खतरनाक माना जा रहा है. अब तक ये तकरीबन 13 देशों में  पाया जा चुका है.  इस वायरस को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस वैरिंएट्स के कथित नामों वाली एक  लिस्ट वायरल हो गई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोविड महामारी के चलते पिछले साल लगाए गए लॉकडाउन के दौरान 23 लाख या 7.5 फीसदी नौकरियां चली गई थीं, जिसमें आईटी/बीपीओ, वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य क्षेत्रों के मुकाबले विनिर्माण, निर्माण, शिक्षा और व्यापार क्षेत्रों को अधिक नुकसान हुआ था। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

भारत में 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कभी मदद नहीं मांगी और न ही किसी को खुद सहन की गई हिंसा के बारे में बताया. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के नवीनतम सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश में सिजेरियन के जरिए बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं की तादाद में वृद्धि देखी जा रही है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के पिछले पांच सालों के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. इसमें 4.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में यह आंकड़ा 17.2 फीसदी था, जो अब बढ़कर 21.5 फीसदी हो गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के दौरान की एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि ऑस्ट्रिया में कोविड को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि कोविड को रोकने के लिए यूरोप में कई जगहों पर प्रतिबंधों में सख्ती की गई है. यूरोप में प्रदर्शनों की कई तस्वीरों और वीडियो वायरल हो रहे हैं. नेटिजन्स का दावा है कि ऑस्ट्रियाई लोग इस तरह से लॉकडाउन का विरोध कर रहे हैं. उन्हीं में से एक वीडियो वायरल हो रहा है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।