जैसे-जैसे हमारा देश डिजिटलीकरण की तरफ आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे फेक न्यूज़ का चलन भी बढ़ गया है. कई बार ऐसा देखा गया है कि सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सप्प के जरिये फेक न्यूज बहुत तेजी से फैलती है. अभी हाल ही में कुछ गलत सूत्रों के द्वारा ऐसी ही एक योजना सोशल मीडिया में बहुत वायरल हो रह है, जिसका नाम प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश में तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर या इससे अधिक संपत्ति वाले अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में पिछले साल 11प्रतिशत की वृद्धि हुई. रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। पूरी जानकारी के लिए लिंक को अभी क्लिक करें।

इंटरनेट पर कुछ भी पढ़ने, सुनने या देखने के साथ-साथ यह भी जरूरी होता है कि आप संबंधित जानकारी को अपनी समझ के आधार पर परख लें. क्योंकि, बीते कुछ समय में फेक जानकारियों की बाढ़ सी आई है, जो लोगों को प्रभावित कर रही है. अब हाल ही में देखा गया है कि यूट्यूब पर एक वीडियो चल रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से महिलाओं को 2.2 लाख रुपये कैश और 25 लाख रुपये तक का लोन दिया जा रहा है.

इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने जिन ऐप पर बैन लगाया है, उनमें चीन की दिग्गज टेक कंपनियों के ऐप भी शामिल हैं. इन कंपनियों में टेंसेंट, अलीबाबा और नेट ईज के नाम लिए जा सकते हैं. भारत सरकार के ताजा फैसले में जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

यूनिसेफ के नए विश्लेषण से संकेत मिलता है कि बच्चों और किशोरों में मानसिक विकारों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को सालाना लगभग 390 मिलियन डॉलर का नुकसान होता है. रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में बच्चों और किशोरों की एक बड़ी आबादी का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया है, जिसका प्रभाव आगामी कई वर्षों तक रहेगा। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के आंकड़ों के बाद भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता फिर चर्चा में है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1 प्रतिशत सर्वाधिक अमीर लोगों के पास 2021 में कुल राष्ट्रीय आय का 22% हिस्सा था, जबकि शीर्ष 10% लोग राष्ट्रीय आय के 57 प्रतिशत भाग पर काबिज थे। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई सोशल मीडिया अकाउंट पर सरकारी नौकरियों की वैकेंसी का दावा किया जा रहा है. जिसमें ज्यादातर दावे गलत होते हैं. कई बार दावे इस तरह किए जाते जो एकदम सच लगते हैं। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश में सिजेरियन के जरिए बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं की तादाद में वृद्धि देखी जा रही है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के पिछले पांच सालों के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. इसमें 4.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में यह आंकड़ा 17.2 फीसदी था, जो अब बढ़कर 21.5 फीसदी हो गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

देश में खून की कमी से जुड़ी बीमारी यानी एनीमिया का देशव्यापी प्रसार बढ़ रहा है. ऐसा इसके सभी आयु-समूह और लिंगों में प्रसार बढ़ने के चलते हो रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के मुताबिक, बच्चों, गर्भवती और सामान्य महिलाओं और पुरुषों में यह दो से लेकर नौ फीसदी तक बढ़ा है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

गांवों में रोज़गार देने की सबसे बड़ी सरकारी योजना मनरेगा के खजाने में पैसा ख़त्म हो गया है. इस योजना का नेगेटिव नेट बैलेंस 8,686 करोड़ रुपये हो गया है और इससे 21 राज्य प्रभावित हुए हैं। इसका सीधा असर उन लाखों दिहाड़ी मजदूरों पर होगा, जिन्हें इस योजना के तहत मजदूरी मिलती है. निश्चित रूप से ऐसे वक़्त में जब ग़रीब लोगों पर लॉकडाउन की मार पड़ी है तो दिहाड़ी मज़दूरी करने वालों को अगर उनका दिन भर का पैसा भी नहीं मिला या देर से मिला तो उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो जाएगा.