भारत में लगातार कोविड-19 के सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। आज यानी 14 मई 2023 को सक्रिय मामलों की संख्या 15,515 के आसपास बनी हुई है। 13 मई 2023 की सुबह आठ बजे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 16,498 थी, जबकि 12 मई को इनकी संख्या 18,009 दर्ज की गई थी। केरल अभी भी सक्रिय मामलों के मामले में सबसे ऊपर है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
सोशल मीडिया पर जहाँ कई जरुरी जानकारियां मिलती है वहीं भ्रामक खबरों की भी भरमार रहती है। ऐसा ही एक खबर इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। यूट्यूब चैनल के एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार जिनके परिवार में बेटियां हैं उन्हें 'कन्या सुमंगला योजना' के तहत हर महीने ₹4,500 रुपये दे रही है। ऐसे में इसका लाभ पाने के लिए आज ही आवेदन करें। यह दावा सरकारी व्लॉग [Sarkari Vlog ] नामक यूट्यूब चैनल के एक वीडियो में किया गया है। वायरल इस खबर की सच्चाई जब पीआईबी की तरफ से जांची और परखी गई तो पाया गया कि यह खबर फेक हैं एवं सच्चाई से इस खबर का कोई वास्ता नही है। जिसके बाद पीआईबी ने ट्वीट कर के कहा गया कि सरकार की तरफ से इस तरह की कोई योजना नहीं है। ऐसे में इस तरह की खबरों पर भरोसा ना करें। साथियों अगर आपके पास भी ऐसा कोई भ्रामक ख़बर आता है,तो उसके बारे में जनता को जागरूक करें. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.
पूरी दुनिया सहित भारत में भी फिर से कोरोना के मामलों में हल्का उछाल देखने को मिला है. इसी के बीच एक वायरल मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि जानलेवा महामारी को देखते हुए भारत सरकार अगले महीने यानी मई से पूरे देश में फिर से लॉकडाउन लगाने जा रही है. हम सभी ने कोरोना के समय की भयावहता महसूस की है. लॉकडाउन के समय को याद कर आज भी हम और आप सिहर उठते हैं.दरअसल, 'Daily Trending News' नाम के एक यूट्यूब चैनल ने अपने एक वीडियो में दावा किया है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण केंद्र सरकार एक बार फिर से अगले महीने यानी मई से पूरे देश में लॉकडाउन लगा सकती है. इस न्यूज़ को और भी कई यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया स्पेसेज पर शेयर किया गया है. इसके बाद यह वायरल हो गया. पीआईबी ने जब इस वीडियो का फैक्ट-चेक किया और इसे फर्जी और भ्रामक बताया है. इसे आगे शेयर करने से बचना चाहिए. उसने लोगों से यह भी अपील की है कि इस तरह के वीडियो से अफवाहें फैलती हैं और ऐसे मैसेज को आगे न बढ़ाया करें।साथियों अगर आपके पास भी ऐसा कोई भ्रामक ख़बर आता है,तो उसके बारे में जनता को जागरूक करें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फ़ोन में अभी दबाए नंबर 3
गर्मी अपनी हदें पार करने को आतुर है, खासकर पूर्वी भारत के कुछ राज्य लू या हीटवेव की चपेट में हैं। वहीं देश के अन्य इलाकों में तापमान में उछाल देखें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों, गुजरात और महाराष्ट्र के आंतरिक हिस्सों, रायलसीमा तथा भारत के पूर्वी प्रायद्वीप के अलग-अलग इलाकों में अधिकतम तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस की छलांग मार रहा है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के तापमान की बात करें तो यहां अधिकतम तापमान 12 से 25 डिग्री सेल्सियस, पूर्वोत्तर भारत और भारतीय द्वीपों का अधिकतम तापमान 30 से 34 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है, देश के इन हिस्सों को छोड़कर बाकी इलाकों में अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों और भारतीय प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस ऊपर है। चढ़ते पारे ने देश के कुछ हिस्सों को गर्म हवाओं के आगोश में ले लिया है। इन हिस्सों में पश्चिम बंगाल में गंगा के अलग-अलग इलाकों में पिछले नौ दिनों से लू का सितम जारी है। वहीं बिहार में पिछले छह दिनों से, ओडिशा में पिछले तीन दिनों से और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों से लोग लू का प्रकोप झेल रहे हैं। वहीं देश के कुछ हिस्सों में गर्मी से राहत के भी संकेत है, मौसम विभाग की मानें तो आज यानी, 20 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश तथा ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। आज उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने के साथ ओलावृष्टि और बिजली गिरने के आसार हैं। वहीं आज उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ छीटें पड़ने तथा वज्रपात की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने आज पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की गति के साथ हवाएं चलने, गरज के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है। आज बिहार और पश्चिम बंगाल में गंगा के अलग-अलग हिस्सों में भीषण लू का सितम जारी रहेगा तथा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग इलाकों में भी लोगों को लू के थपेड़े झेलने पड़ेगे। वहीं आज ओडिशा और झारखंड के कुछ इलाकों में भी लोगों को लू के प्रकोप से दो चार होने की आशंका है।
मार्च के दूसरे पखवाड़े और अप्रैल के शुरुआती दिनों में बारिश व ओलावृष्टि की वजह से दलहन के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। यही वजह है कि कम उत्पादन का दाल कीमतों पर असर न पड़े, इसके लिए सरकारी प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए सबसे पहले दाल व्यापारियों और मिलरों पर नकेल कसी जा रही है। शनिवार 15 अप्रैल 2023 को इंदौर में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने दाल व्यापारियों की बैठक ली।
पूरी दुनिया सहित भारत में भी फिर से कोरोना के मामलों में हल्का उछाल देखने को मिला है। इसी के बीच एक वायरल मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि जानलेवा महामारी को देखते हुए भारत सरकार अगले महीने यानी मई से पूरे देश में फिर से लॉकडाउन लगाने जा रही है। हम सभी ने कोरोना के समय की भयावहता महसूस की है। लॉकडाउन के समय को याद कर आज भी हम और आप सिहर उठते हैं। ऐसे में अगर आपके सामने यह दावा किया जाए कि मई से पूरे देश में एक बार फिर से संपूर्ण लॉकडाउन लगने जा रहा है, तो आपको कैसा महसूस होगा? दरअसल, 'Daily Trending News' नाम के एक यूट्यूब चैनल ने अपने एक वीडियो में दावा किया है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण केंद्र सरकार एक बार फिर से अगले महीने यानी मई से पूरे देश में लॉकडाउन लगा सकती है। इस न्यूज़ को और भी कई यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया स्पेसेज पर शेयर किया गया है। इसके बाद यह वायरल हो गया। भारत सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पीआईबी ने इस वीडियो का फैक्ट-चेक किया और इसे फर्जी और भ्रामक बताया है। पीआईबी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से ट्वीट करते हुए बताया है कि यह खबर आधारहीन और फेक है और इसे आगे शेयर करने से बचना चाहिए। साथियों अगर आपके पास भी ऐसा कोई भ्रामक ख़बर आता है, तो उसके बारे में जनता को जागरूक करें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फ़ोन में अभी दबाए नंबर 3।
जहां एक ओर देश के अधिकतर इलाकों में लोग गर्म हवाओं से झुलस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी विक्षोभ के चलते, आज यानी 18 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और ऊंचे इलाकों में बर्फबारी होने का अनुमान लगाया गया है।वहीं आज पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में आंधी चलने, बिजली गिरने तथा ओलावृष्टि की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक आज हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तेज हवाओं के साथ छींटे पड़ने तथा वज्रपात होने के आसार हैं।
174 वर्षों के जलवायु इतिहास का दूसरा सबसे गर्म मार्च इस साल 2023 में दर्ज किया गया है। जब तापमान सामान्य से 1.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था। गौरतलब है कि मार्च 2016 अब तक का सबसे गर्म मार्च का महीना था, जब तापमान बीसवीं सदी के औसत (12.7 डिग्री सेल्सियस) से 1.35 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। यह जानकारी नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में सामने आई है। आंकड़ों की मानें तो यह लगातार 47वां वर्ष है जब मार्च के महीने में तापमान औसत से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह पिछले 529 महीनों में तापमान कभी भी औसत से नीचे नहीं गया है। गौरतलब है कि इससे पहले यूरोपियन मौसम विज्ञान एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने भी इसी तरह की जानकारी दी थी। एनओएए के मुताबिक, एशिया की अगर बात करें तो यहां अब तक के दूसरे सबसे गर्म मार्च को अनुभव किया गया है। वहीं दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में यह रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म मार्च का महीना रहा। इसी तरह यूरोप ने भी अपने जलवायु रिकॉर्ड के 10वें सबसे गर्म मार्च को अनुभव किया।
भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या एक बार फिर तेजी से बढ़ रही है। आज यानी 17 अप्रैल 2023 को सक्रिय मामलों की संख्या 60,313 के आसपास बनी हुई है। 16 अप्रैल 2023 की सुबह आठ बजे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 57,542 थी, जबकि 15 अप्रैल को इनकी संख्या 53,720 दर्ज की गई थी। केरल अभी भी सक्रिय मामलों के मामले में सबसे ऊपर है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 9,111 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 6,313 लोग कोविड-19 से उबरे हैं, जबकि 24 लोगों की मौत इस महामारी से हुई है। दैनिक पॉजीटिविटी रेट 5.61 प्रतिशत और साप्ताहिक पॉजीटिविटी रेट 4.78 प्रतिशत बताई गई है। देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 531,141 हो गई है। महामारी के तीन वर्ष बीत चुके हैं। हालांकि इसके बाद भी महामारी का खतरा अब तक टला नहीं है। न केवल भारत बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अभी भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। जो दर्शाता है कि अभी भी इस तरह की आपदाओं के लिए मानव जाति तैयार नहीं है। ऐसे में प्रकृति के साथ होता खिलवाड़ कितना सही है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। साथियों आप हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है ? और आप संक्रमण से बचाव के लिए किस तरह के उपाय अपना रहे हैं ? अपनी बात हम तक पहुँचाने के लिए फ़ोन में अभी दबाएं नंबर 3।
कई लोग जल संकट के लिए पानी की घटती उपलब्धता, सूखा और पर्यावरण से जुड़े अन्य कारकों को जिम्मेवार मानते है, लेकिन एक नई रिसर्च से पता चला है कि अमीरों की जीवनशैली और आदतें शहरों में पानी की गंभीर कमी के लिए जिम्मेवार प्रमुख कारकों में से एक हैं।रिसर्च के मुताबिक आलिशान घरों में रहने वाले यह लोग अपने बगीचों, स्विमिंग पूल और कारों को धोने के लिए बड़ी मात्रा में पानी की खपत करते हैं, जिसकी कीमत शहर के कमजोर तबके को चुकानी पड़ती है। नतीजन शहर में मौजूद कमजोर और वंचित समुदायों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। इस रिसर्च के नतीजे दर्शाते हैं कि सामाजिक असमानताएं, पर्यावरणीय कारकों, जैसे जलवायु में आते बदलाव या बढ़ती शहरी आबादी की तुलना में शहरों में बढ़ते जल संकट के लिए कहीं ज्यादा जिम्मेवार है।हालांकि यह अध्ययन दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन शहर पर आधारित है लेकिन साथ ही अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बैंगलोर, चेन्नई, जकार्ता, सिडनी जैसे अन्य 80 शहरों में समान मुद्दों पर प्रकाश डाला है।देखा जाए तो पानी का अनुचित उपयोग और जलवायु संकट दोनों ही इस बढ़ती कमी के लिए जिम्मेवार हैं। जलवायु संकट भी आज बड़ा खतरा बनता जा रहा है जो तापमान में वृद्धि करने के साथ-साथ बारिश के पैटर्न को भी प्रभावित कर रहा है, जिससे जल संकट की समस्या और बढ़ रही है।अनुमान है कि शहरों में आने वाले वर्षों में जल संकट कहीं ज्यादा गंभीर रूप ले लेगा। आज शहरों में रहने वाले करीब 100 करोड़ लोग यानी एक तिहाई शहरी आबादी जल संकट का सामना करने को मजबूर है। वहीं आशंका है 2050 तक यह आंकड़ा बढ़कर 237.3 करोड़ पर पहुंच जाएगा, जो शहरी आबादी का करीब आधा हिस्सा है।रिसर्च के मुताबिक इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भारत की शहरी आबादी होगी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी नई 'वर्ल्ड वाटर डेवलपमेंट रिपोर्ट 2023' के मुताबिक 2050 तक शहरों में पानी की मांग 80 फीसदी तक बढ़ जाएगी इस बारे में प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो 2030 तक ताजे पानी की मांग, उसकी आपूर्ति से 40 फीसदी बढ़ जाएगी। नतीजन पानी को लेकर होती खींचतान कहीं ज्यादा गंभीर रूप ले लेगी।साथियों , पानी की खपत को कम करने के लिए आप अपने स्तर से क्या प्रयास कर रहे है ?अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फ़ोन में अभी दबाए नंबर 3 .