एक नए अध्ययन के अनुसार भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर कम खर्च करने और प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने से चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच बनाने में गंभीर असमानता बढ़ी है, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान. ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘इनइक्वैलिटी रिपोर्ट 2021ः इंडियाज इनइक्वल हेल्थकेयर स्टोरी’ में कहा गया है

केंद्र सरकार ने राज्यसभा को बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है. सदन में एक सवाल के जवाब में कि क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन के अभाव में बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों की मौत सड़कों या अस्पताल में मौत हुई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

राजद्रोह पर औपनिवेशिक काल के विवादित दंडात्मक कानून के तहत 2014 से 2019 के बीच 326 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से महज छह लोगों को सजा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते आईपीसी की धारा 124 ए का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए केंद्र से पूछा था कि आजादी के 75 साल बाद इसे बनाए रखना क्यों जरूरी है, जबकि अन्य पुराने कानूनों को निरस्त कर रहे हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

पिछले 40 वर्षों के दौरान, केरल में भूमि सुधारों, सार्वजनिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा, एक मजबूत सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्थानीय स्व-शासन के जरिये शक्तियों के विकेंद्रीकरण, सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनायें एवं कुदुम्बश्री कार्यक्रमों जैसे कई प्रावधानों के नतीजे के तौर पर पूर्ण गरीबी में तेजी से गिरावट आई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

इन दिनों सोशल मीडिया पर ‘एक परिवार एक नौकरी’ नाम की एक कथित सरकारी योजना भी चर्चा का विषय बनी हुई है. कुछ लोग इस योजना का जिक्र करते हुए ऐसा कह रहे हैं कि केंद्र सरकार इसके तहत हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार मुहैया कराएगी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले असर के कारण 2020 के दौरान दुनिया भर में करीब 2.3 करोड़ बच्चे जरुरी जीवनरक्षक टीकों से वंचित रह गए थे. देखा जाए तो यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 37 लाख ज्यादा है, जोकि 2009 के बाद से सबसे ज्यादा है. यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है. यदि वैश्विक टीकाकरण की स्थिति को देखें तो जहां 2019 में इसकी दर 86 फीसदी थी वो 2020 में 3 फीसदी घटकर 83 फीसदी रह गई थी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारतीय सेना में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर है. हाल ही में एक वेबसाइट पर भारतीय सेना से संबंधित विभिन्न पदों पर रिक्तियां निकाली गई थीं, जिसके बाद कई युवक और युवतियों ने जॉब के लिए आवेदन करने की ठान ली.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म अनअर्थिनसाइट के अनुसार, सही नीतियों और रणनीतिक बदलाव से भारत में विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं और उनमें से लगभग आधे लोगों के पास रोजगार पाने की क्षमता है.अनअर्थिनसाइट द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग तीन करोड़ विशेष रूप से सक्षम आबादी है, जिनमें से लगभग 1.3 करोड़ लोग रोजगार के योग्य हैं, लेकिन उनमें से केवल 34 लाख लोग ही संगठित, असंगठित क्षेत्र, सरकार के नेतृत्व वाली योजनाओं और स्वरोजगार में कार्यरत हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

21 जून के बाद देखी गई टीकाकरण की साप्ताहिक गति घटकर लगभग 60 फीसदी रह गई है. सुस्ती के परिणामस्वरूप कई राज्यों ने कमी और मांग को पूरा करने में असमर्थता की शिकायत की है. नई नीति के पहले दिन 21 जून को करीब 91 लाख खुराकें दी गईं और 27 जून तक करीब 4 करोड़ खुराक दी गईं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड के 159 प्रखंडों में एक सरकारी योजना के तहत 55 प्रतिशत लाभार्थियों को पूरक पोषक आहार नहीं मिलने का आरोप लगाने वाली एक रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।