हर इंसान की चाहत होती है कि उसके अकाउंट में इतने पैसे हो कि वो अपनी हर जरूरत को पूरा कर सके. इसलिए वो अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा बचत में डालते है या फिर निवेश करते हैं. बचत करना और निवेश करना अच्छी बात है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।  लेकिन कभी-कभी हम रकम डबल करने के चक्कर में फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोरोनावायरस महामारी तीसरे साल यानी 2022 में भी जारी रहेगी और बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करती रहेगी।यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन मेडिसिन के हेल्थ रिचर्स सेंटर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेल्युएशन ने यह अनुमान लगाया है. आईएचएमई के निदेशक क्रिस्टोफर जेएल मरे ने अपने नवीनतम आकलन में कहा, अगर हम साल 2022 को देखें तो बहुत सी बातें स्पष्ट करती हैं कि अगले वर्ष भी कोविड-19 का अच्छा खासा ट्रांसमिशन होगा. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोनोवायरस महामारी के दौर में भारत के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल 17 महीनों यानी करीब 500 दिनों से बंद रहे. इस दौरान साधन संपन्न कुछ बच्चे ही अपनी पढ़ाई जारी रख पाए हैं. जबकि गरीब तबकों के अधिकांश बच्चे न केवल पढ़ाई से कट गए हैं बल्कि स्कूल बंद होने के कारण मिड डे मील से भी वंचित हो गए जिसका उनके पोषण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

आज ज्यादातर लोगों के हाथ में स्मार्टफोन है, जिस वजह से कोई भी शख्स कहीं से भी लेन-देन कर सकता है. वैसे ये चीजें बहुत सी सहूलियतें देती हैं, लेकिन हर वक्त इस पर फ्रॉड का खतरा मंडराता रहता है. ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले लोग लगातार स्मार्टफोन यूजर्स को चूना लगाने की फिराक में रहते हैं. इसके लिए वो रोजाना नए-नए तरीके इजात करते हैं. अब इसी तरह के एक फ्रॉड को लेकर प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने चेतावनी जारी की है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में कथित तौर पर भूख से मौत के मामले की सुनवाई के दौरान को राज्य सरकार को फटकार लगाई और कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती इलाके में आज भी लोग आदिम युग में जी रहे हैं, आज भी एक महिला पेड़ पर दिन गुजार रही है, यह सभ्य समाज के लिए कितनी शर्म की बात है. बोकारो जिले के कसमार ब्लॉक के शंकरडीह गांव निवासी भूखल घासी की 2020 में कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी. इसके छह महीने बाद उनकी बेटी और बेटे की भी मौत इसी तरह से हो गई थी.

सोशल मीडिया और यूट्यूब पर आए दिन कुछ ना कुछ ऐसी खबर दिखाई जाती है. जिसे देखकर लोग भ्रम में फंस जाते हैं. कुछ तो बिना तथ्यों के जांच किए हैं उसे सही मान लेते हैं और वैसे ही रिएक्ट करते हैं. जबकि उन खबरों की सच्चाई कुछ और ही होती है. अभी एक यूट्युब का वीडियो वायरल हो रहा है.

अगस्त के महीने में बच्चे मरते ही हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सरकार बनने के बाद ही यह विवादित बयान 2017 में दिया था, जब गोरखपुर में 30 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कर्नाटक के एक जिले के उपायुक्त ने एक अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत कोविड-19 टीका न लगवाने वाले लोगों को राशन और पेंशन नहीं दिया जाएगा. चामराजनगर जिले के उपायुक्त एमआर रवि के दो बयानों को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि दो लाख से अधिक लोगों वाले दो अलग-अलग समूहों को टीकाकरण कराना अनिवार्य होगा। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोरोना महामारी के आने के बाद लोगों की मोबाइल और इंटरनेट पर निर्भरता काफी बढ़ गई है. इंटरनेट से हम कई जानकारी लेते हैं लेकिन कई बार भ्रामक बातें भी इस माध्यम पर हमें मिल जाती हैं. ऐसा ही एक मैसेज सोशल मीडिया पर आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी को लोन की जरूरत है तो वो मुद्रा योजना के तहत लोन ले सकता है, जिसमें सिर्फ 2 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा. वायरल हो रहे मैसेज में कहा गया है कि मुद्रा योजना में केंद्र सरकार कम ब्याज दरों पर लोन दे रही है विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

2019 के दौरान भारत में 340,622 नवजातों ने जन्म से पूर्व गर्भ में ही दम तोड़ दिया था. वहीं यदि प्रति हजार जन्में बच्चों की बात करें तो इस दौरान उनमें से करीब 13.9 शिशु मृत पैदा हुए थे. यह स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि आज भी देश में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता, जितना दिया जाना चाहिए। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।