सूचना का अधिकार कानून से पता चला है कि भारतीय खाद्य निगम के देश भर में फैले गोदामों में पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान प्राकृतिक आपदाओं और रखरखाव के कारणों से करीब 1,693 टन अनाज बर्बाद हो गया. हालांकि, इस ब्योरे में चौंकाने वाला दावा किया गया है कि उक्त अवधि के दौरान इन गोदामों में जमा अनाज की कोई भी मात्रा चूहे सरीखे कुतरने वाले जानवरों और पंछियों की वजह से नष्ट नहीं हुई। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

दिल्ली में इस साल 30 जुलाई तक डेंगू के लगभग 170 मामले सामने आए हैं, जो 2017 के बाद से इस अवधि के लिए सर्वाधिक हैं। दिल्ली नगर निगम की ओर से जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में डेंगू के कम से कम 26 मामले सामने आए।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

आम इंसान के जीवन में सोशल मीडिया अहम कड़ी निभा रहा है. इस माध्यम से आम जनता तक सूचनाओं का विस्तार तेजी से हो रहा है. खास बात है कि इस माध्यम से फेक न्यूज का बाजार भी चल निकला है. इसके जरिए कुछ समय के लिए आम जनता के बीच गलत सूचना फैलाकर पैसा कमाने के उपाय निकाले जा रहे हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

जैविक पिता के निधन के बाद बच्चे की नैसर्गिक अभिभावक होने के नाते मां के पास बच्चे के उपनाम पर निर्णय लेने का अधिकार है. उच्चतम न्यायालय ने यह टिप्पणी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए की. शीर्ष अदालत पहले पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह करने वाली मां और बच्चे के मृत जैविक पिता के माता-पिता के बीच बच्चे के उपनाम से जुड़े एक मामले से सुनवाई कर रही थी। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की बाढ़ लगी हुई है. यहां पर तरह-तरह के मैसेज लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. कभी एक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का दावा किया जाता है तो कभी फ्री सिलाई मशीन देने की बात कही जाती है. ये दावे सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किए जा रहे हैं. इस बीच एक और दावा सामने आया है कि शिक्षा मंत्रालय देशभर में फ्री स्मार्टफोन दे रहा है. मैसेज में कहा गया है कि शिक्षा विभाग जल्द पूरे देश में स्मार्टफोन देने की तैयारी कर रहा है.इसके लिए एक ट्वीटर मैसेज भी सर्कुलेट किया गया है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

लोकसभा में केंद्र सरकार ने एक लिखित जवाब में बताया है कि बीते आठ सालों में उसके विभिन्न विभागों में नौकरी के 22.05 करोड़ आवेदन आए, जिनमें से केवल 7.22 लाख आवेदकों को ही नौकरी मिल सकी जो कुल आवेदनों का एक फीसदी से भी कम है. संसद में प्रस्तुत सरकारी आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि बीते आठ सालों में केंद्र सरकार के विभागों में दी जाने वाली सरकारी नौकरियों की संख्या में साल दर साल गिरावट आई है.

दुनिया के 75 देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में भी मंकीपाॅक्स ने दस्तक दे दी है। केरल में पहला मामला सामने आने के बाद हाल ही में दिल्ली के शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। भारत सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंकीपॉक्स लक्षण पाए जाने पर संक्रमित की निगरानी की जाएगी। रोगी के दूषित सामग्री, इंफेक्शन के संपर्क में आने के बाद से 21 दिनों की अवधि तक निगरानी की जानी चाहिए।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देशभर के डेयरी किसानों ने 27 जुलाई बुधवार को संसद के पास जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। ये किसान डेयरी उत्पादों, मशीनरी और दूध उत्पादों संबंधी मशीनों पर जीएसटी लगाने को लेकर विरोध कर रहे हैं। दरअसल जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में एक ऐसा फैसला लिया गया है, जिसके चलते कई रोजमर्रा की ज़रूरी चीज़ों की कीमत बढ़ जाएगी। ये बढ़ोतरी सोमवार 18 जुलाई से लागू हो गई है। इससे आम आदमी के किचन का बजट तो बिगड़ ही रहा है इसके अलावा इसने किसानों के लिए भी मुश्किल बढ़ा दी है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

क्या केंद्र सरकार ने खाने पीने के सामान के अलावा कई अन्य उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी लगाया है? यह मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कई मीडिया रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने अंतिम संस्कार से संबंधित सेवाओं पर भी वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को बढ़ाया है. यह 18 फीसदी तक पहुंच गया है. यह संदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल संदेश में ऐसा दावा किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा श्मशान सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया है.

केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि अविवाहित माताओं और बलात्कार पीड़िता के बच्चे इस देश में निजता, स्वतंत्रता और गरिमा के मौलिक अधिकारों के साथ रह सकते हैं और अदालत ने इसके साथ ही एक व्यक्ति को जन्म प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों में केवल अपनी मां का नाम शामिल करने की अनुमति दे दी. जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने 19 जुलाई को जारी एक आदेश में कहा कि किसी अविवाहित मां का बच्चा भी इस देश का नागरिक है और कोई भी संविधान के तहत प्रदत्त उसके किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता.