भारत जलवायु में हो रहे बदलाव के कारण खतरनाक गर्मी ओर लू से जूझ रहा है, जल्द ही देश इस तरह की घटनाओं के लिए दुनिया भर में शीर्ष पर होगा। 2030 तक देश भर में 16-20 करोड़ से अधिक लोग सालाना घातक गर्मी और लू का सामना कर सकते हैं।इस झुलसाती गर्मी से निपटने के लिए एक स्थायी ठंडा करने की रणनीति की जरूरत है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

भारत में कोविड-19 के मामलों में गिरावट आ रही है, पिछले 24 घंटों में नए मामलों में भी कमी आई है। वहीं दूसरी तरफ सक्रिय मामलों में भी गिरावट आई है। अब यह आंकड़ा 4,529 पर पहुंच गया है। वहीं केरल में 1,634 मामले सक्रिय हैं जबकि कर्नाटक में सक्रिय मामलों की संख्या 1,618 पर पहुंच गई है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 291 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,46,72,638 हो गयी है जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 4,767 रह गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, केरल द्वारा संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुनर्मिलन करने के बाद मृतकों की सूची में दो मामले जोड़े गए हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मौसम विभाग के अनुसार आगामी सर्दियों के मौसम यानी दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के दौरान, भारतीय प्रायद्वीप के उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है। इसी तरह इन हिस्सों में अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। जबकि मध्य भारत के कुछ हिस्सों व उत्तर-पश्चिम भारत के अलग-अलग हिस्सों में न्यूनतम तापमान व अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

राज्य सरकार और केंद्र सरकार लोगों की भलाई के लिए कई तरह की सोशल स्कीम चलाती है. इस स्कीम के जरिए समाज के हर वर्ग को आर्थिक और सामाजिक मदद दी जाती है. केंद्र सरकार समय-समय पर कई तरह की योजनाएं लेकर आती रहती है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को एक नया नाम दिया गया है, डब्लूएचओ ने घोषणा की है कि भेदभाव और कलंक से निपटने में मदद करने के लिए इस बीमारी को अब एमपॉक्स के नाम से जाना जाएगा। जानकारी मिली है कि इस बीमारी के लिए अलग-अलग देशों में संबोधित करने के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा था।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को एक नया नाम दिया गया है, डब्लूएचओ ने घोषणा की है कि भेदभाव और कलंक से निपटने में मदद करने के लिए इस बीमारी को अब 'एमपॉक्स' के नाम से जाना जाएगा। जानकारी मिली है कि इस बीमारी के लिए अलग-अलग देशों में सम्बोधित करने के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसी वजह के चलते काफी समय से मंकीपॉक्स का नाम बदलने का आग्रह किया जा रहा था। इस बारे में डब्लूएचओ द्वारा जारी जानकारी के अनुसार अगले एक साल तक इन दोनों नामों का इस्तेमाल किया जाएगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

अभी तक देश में दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण से ही लोगों के दम घुटने की खबरें सुनने और पढ़ने को मिल रहीं थीं। लेकिन अब एक और भयावह तथ्य सामने आया है कि कोयले के प्रदूषण के कारण छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के दर्जनों गांवों के किसानों की धान की फसल काली हो गई है।ऐसे में जब किसान अपनी धान सरकारी समर्थन मूल्य के खरीद केंद्र पर बिक्री के लिए जा रहे हैं तो खरीद केद्र उनकी धान के काली होने के कारण खरीदने से इंकार कर रहे हैं।यह सिलसिला पिछले दो हफ्ते से लगातार चल रहा है।

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक लेटर काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इस पत्र में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का नाम लिखा है और पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी छपी है. साथ ही इस पत्र में 10 लाख रुपये का लोन पीएम मुद्रा योजना के तहत देने का दावा किया जा रहा है. हालांकि इसके बदले में 4500 रुपये भी मांगे जा रहे है. आखिर इसके पीछे सच्चाई क्या है?विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

प्लास्टिक प्रदूषण पिछले कुछ दशकों में गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इससे मिट्टी और जल प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही जगह-जगह प्लास्टिक को जलाने से वायु प्रदूषण में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। हाल के दिनों में मीठे और खारे दोनों प्रकार के पानी में मौजूद जलीय जीवों में प्लास्टिक के केमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव नजर आने लगे हैं। वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों में प्लास्टिक प्रदूषण को भी बड़ा कारण माना है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।