देश में तमाम अस्थिरताओं के बाद भी चुनाव की प्रक्रिया जारी है. हाल ही में हमनें बिहार चुनाव देखे हैं. पश्चिम बंगाल में भी चुनाव की तैयारियां हैं पर इन सबमें खास है पंचायत चुनाव. जो बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में होने वाले हैं. पंचायत चुनाव इस बार इसलिए भी खास है क्योंकि कोरोना काल में बहुत से ग्रामीण वापिस अपने गांव पहुंचे हैं. उनके सामने राशन, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और अधिकार के मसले हैं. इसलिए जनता अपने मुखिया का चुनाव बहुत सोच समझकर करना चाहती है. आगामी पंचायत चुनाव और मुखिया के लिए ग्रामीण जनता के क्या विचार हैं? आइए जानते हैं...
देश का आम बजट आ चुका है और हर बार की तरह इस बार भी आम आदमी को इस बजट में अपने लिए कुछ खास नजर नहीं आ रहा है. महंगाई अपनी जगह है, नौकरियां अब भी दूर की कौड़ी नजर आ रही हैं और खेती किसानी करने वालों के हाल क्या हैं...ये तो पूरी दुनिया देख रही है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
मोबाइल वाणी पर सातो के साथ शौचालय और स्वच्छता पर चल रहा रहा यह अभियान अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। पिछले ३ महीनो में लोगो ने बढ़ चढ़ कर अपनी बातें रखीं। ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो क्लिक करें
सरकारी योजनाएं! दोस्तों, यह शब्द सुनकर ऐसा महसूस होना चाहिए कि ये बस हमारे लिए है. हमारी चुनी हुई सरकार हमारे हितों के लिए काम कर रही है... पर सच बताइए क्या वाकई आपको भी ऐसा लगता है? हममें से अधिकांश लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जरूरत नहीं है पर जिन्हें है... क्या उन्हें उन योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है? बीड़ी मजदूर और सुलगते सवाल कार्यक्रम में हमारा आज का मसला यही है.. तो चलिए खुद बीडी मजदूरों से ही जानते हैं कि उन्हें सरकार ने अब तक कितनी मदद पहुंचाई है....
साथियों क्या आप जानते है कि जल संरक्षण से सम्बंधित काम जैसे तालाब,कुओं व नलकूप की खुदाई ,बरसात के पानी को जमा करना ये सब भी मनरेगा के तहत आता है? इसके अलावा सूखे की रोकथाम अंतर्गत वृक्षारोपण ,सरकारी भवनों,सार्वजनिक स्थानों ,स्कूल आदि में उद्यानों का निर्माण ,खेत के आसपास वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण के तहत मेढ़ बनाना ,बांध निर्माण और आवास निर्माण आदि भी मनरेगा मज़दूरों के काम है। इसलिए आपके गांव या पंचायत में ऐसे कोई भी कार्य हो रहे है तो आप वहाँ अपने लिए रोज़गार की मांग कर सकते है। इसके लिए आपको अपने क्षेत्र में पंचायत कार्यालय जाकर पंजीयन करवाना होगा। मनरेगा के तहत पंचायत स्तर पर हर बुधवार को रोज़गार दिवस का आयोजन करना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं होता है ,तो मज़दूर साथी अपने सरपंच से रोज़गार दिवस आयोजन करने की मांग करें
दोस्तों, अगर आपके गांव की पंचायत मनरेगा के तहत रोजगार दिवस आयोजित नहीं कर रही है, तो ये आपका अधिकार है.. आप अपने गांव के मुखिया से गांव में हर बुधवार को रोजगार दिवस आयोजित करने की मांग कर सकते हैं. ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
आज आपके पसंदीदा शिक्षक डॉक्टर नन्द किशोर शर्मा पिछले तीन कड़ी में पढ़ाए गए अध्यायों से संबंधित पूछ रहें है कुछ प्रश्न । ऑडियो पर क्लिक कर सुने शिक्षक द्वारा पूछे गए प्रश्न और रिकॉर्ड करे सही जवाब ।साथ ही अगर आपको यह कार्यक्रम पसंद आ रहा है तो लाइक का बटन ज़रूर दबाये, और अपने अन्य दोस्तों के साथ साझा करना ना भूले ।
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अच्छे लगते है लोक गीत
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