खाद्य वस्तुओं और कच्चे तेल के महंगा होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई. इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना और बढ़ गई है. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में 15.08 प्रतिशत और पिछले साल मई में 13.11 प्रतिशत थी. आंकड़ों से पता चलता है, बीते मार्च महीने के दौरान थोक मूल्य सूचकांक में 14.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी,विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।