एक भारतीय व्यक्ति अगर महीने में 25 हजार रुपये कमाता है तो वह देश के शीर्ष दस फीसदी कमाने वालों में शामिल माना जाएगा. मौजूद सरकारी आंकड़ों का इस्तेमाल कर इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस ने हाल ही में ‘स्टेट ऑफ इनइक्वलिटी इन इंडिया’ रिपोर्ट में ऐसा कहा है. अगर 25 हजार जैसी राशि शीर्ष दस फीसदी कमाने वालों में शामिल है,तो सबसे नीचे यानी हाशिये पर रहने वाले लोगों की स्थिति की कल्पना भी नहीं की जा सकती.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।