गर्मियां आ चुकी हैं और तापमान बढने के साथ ही पानी की किल्लतें भी सामने आनें लगी हैं. यह लगभग हर साल का सिलसिला है. मौसम अपने रंग में बारिश को भी धरे हुए है पर हम उसे सहेजते नहीं. वो हवा जो हमें बिना किसी शुल्क के मिल सकती थी आज सिलेंडरों में भरकर बाजारों में बेची और खरीदी जा रही है. यही हाल पानी का भी है. पानी पैक बंद बोतलों में बिकता है और उसकी कीमत हमें तब समझ आती है जब प्यास के कारण गला सूख रहा हो सोचिए अगर पानी को सम्हालकर रखा जाए तो हमें एक एक बूंद की कीमत नहीं चुकानी होगी. पानी को बचाना भी जरूरी है, क्योंकि जिंदगी जरूरी है. यहाँ पर हम पानी के प्रदूषण , घटता जल स्तर , छोटी छोटी नदियों नालो का गायब होना , भूगर्भ जल स्तर में हानिकारक केमिकल का मिलना , पानी बचाने के उपायों , उसके संरक्षण आदि जैसे विषयों पर बातें करेंगे .