बिहार की चरमराई शिक्षा व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. यहां की खस्ताहाल स्कूल की इमारतें, शिक्षकों के खाली पद, क्लास में बच्चों की अनुपस्थितियां, बच्चों को किताबों की कमी बिहार में आम बात है. अक्सर इन सबको लेकर खबर पढ़ने और सुनने को मिल ही जाती है. पिछले दो वर्षों में कोरोना के चलते समय समय पर बंद किए गए स्कूलों के चलते बच्चों के भविष्य को चौपट कर दिया है. जानकारों का कहना है कि 2.75 लाख शिक्षक के पद नीचले स्तर पर खाली हैं और कॉलेज लेवल पर अभी भी करीब 70 प्रतिशत शिक्षक के पद खाली हैं.