भारत में केवल 1 फ़ीसदी आबादी की महीने की कमाई 50 हजार रुपये से अधिक की है. ऐसे में भारत में स्वयं का उद्योग शुरू कर पाना काफी मुश्किल है. युवाओं के सामने सरकारी नौकरी एक अच्छा विकल्प हो सकती है लेकिन खाली पदों पर भर्ती ना होना या फिर नियुक्ति के पत्र योग्य युवाओं तक ना पहुंचना इस बात का प्रमाण है कि सरकार सरकारी नौकरियां देने के संबंध में गंभीर नहीं है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।