मध्याह्न भोजन योजना, जिसे अब पीएम पोषण के नाम से जाना जाता है, के तहत कार्यरत भारत के 24.95 लाख रसोइया-सह-सहायकों में से लगभग 65 प्रतिशत को 2,000 रुपये प्रति माह से कम का वेतन दिया जाता है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इन कर्मचारियों को साल 2009 से ही महज 1,000 रुपये प्रति माह की सैलरी मिल रही है, जबकि कई संसदीय समितियों ने वर्षों से इसमें बढ़ोतरी की सिफारिश की है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।